लद्दाख में तनाव का असर: चीन से निवेश में गिरावट, भारतीय कंपनियों ने भी बनाई दूरी, एफडीआई भी गिरी

By हरीश गुप्ता | Published: September 20, 2020 06:53 AM2020-09-20T06:53:49+5:302020-09-20T06:53:49+5:30

लद्दाख में तनातनी का असर भारत और चीन के बीच होने वाले व्यापार पर भी नजर आ रहा है. कई भारतीय कंपनियां अब चीन की कंपनियों में निवेश से दूरी बनाने लगी हैं.

Impact of Ladakh tention: investment from China declines, Indian companies also make distance | लद्दाख में तनाव का असर: चीन से निवेश में गिरावट, भारतीय कंपनियों ने भी बनाई दूरी, एफडीआई भी गिरी

भारत-चीन तनातनी का असर अब व्यापार पर भी (फाइल फोटो)

Highlightsभारतीय कंपनियां अब चीन की कंपनियों में निवेश से दूरी बनाने लगी हैं, आंकड़ों से खुलासाचीन का भी निवेश हुआ कम, एफडीआई में गिरावट, 2019-20 में चीन से निवेश केवल 163.77 मिलियन डॉलर

लद्दाख में तनातनी के बीच भारत-चीन संबंधों में कड़वाहट का सीधा असर चीन की कंपनियों द्वारा भारत में किए जानेे वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर पड़ा है. पिछले तीन साल में इस संबंध में गिरावट उल्लेखनीय है. भारतीय कंपनियां भी अब चीन की कंपनियों में निवेश से दूरी बनाने लगी हैं.

यह खुलासा हाल ही में एफडीआई आगमन के आंकड़ों से हुआ है. वर्ष 201-18 में जहां चीनी कंपनियों ने भारत में 350 मिलियन डॉलर का निवेश किया था तो यह घटकर अगले साल 229 मिलियन डॉलर और 2019-20 में और अधिक गिरकर रिकॉर्ड निचले स्तर 163.77 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.

भारतीय कंपनियों का निवेश चीन में कम

यह शायद कम था जो भारतीय कंपनियों का भी चीन में निवेश लगातार कम हो रहा है. 2017 में भारतीय कंपनियों ने चीन में 49.19 मिलियन डॉलर का निवेश किया था जो अगले साल 12.61 मिलियन डॉलर और 2019 के दौरान हल्का सा बढ़कर 27.57 मिलियन डॉलर हो गया है.

लोकसभा में जब मंत्री से पूछा गया कि क्या भारत सरकार का किसी चीनी कंपनी को भारत में निवेश से रोकने का इरादा है, तो मंत्री ने साफ इंकार करते हुए कहा, 'नहीं.' 

व्यापार, उद्योग और रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने संसद को बताया कि भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा अप्रैल-जून 2020-21 में घटकर 5. बिलियन डॉलर पर आ गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि के दौरान यह 13. बिलियन डॉलर था.

चीन और भारत के बीच व्यापार घटा

दोनों देशों के बीच कुल व्यापार भी वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अप्रैल-जून 2019-20 के 21.42 बिलियन डॉलर की तुलना में घटकर 16.55 बिलियन डॉलर रह गया है. चीन से व्यापार घाटे को कम करने के लिए किसी किस्म के व्यापार प्रतिबंध के सवाल पर जरुर गोयल ने कहा कि इस वक्त 550 उत्पाद, विदेश व्यापार नीति के तहत चीन ही नहीं अनेक देशों से आयात के लिए प्रतिबंधित सामान की श्रेणी में हैं. जाहिर तौर पर प्रतिबंध केवल चीन तक सीमित नहीं था.

चीन से भारत में एफडीआई

वर्ष2017-182018-192019-20
मिलियन डॉलर350.22229.0163.77

भारत से चीन में एफडीआई

वर्ष2017 201820192020
मिलियन डॉलर49.1912.6127.5720.63 (साल 2020 के आंकड़े अगस्त तक के)

Web Title: Impact of Ladakh tention: investment from China declines, Indian companies also make distance

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