किसानों के लिए अच्छी खबर: सामान्य रहेगा इस साल मानसून, फसल को होगा लाभ
By भाषा | Published: April 16, 2019 05:34 AM2019-04-16T05:34:21+5:302019-04-16T05:34:21+5:30
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को घोषणा की कि इस साल मानसून के ‘‘सामान्य के करीब’’ रहने और पूरे देश में वर्षा होने की उम्मीद है जो कृषि क्षेत्र के लिए मददगार हो सकती है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को घोषणा की कि इस साल मानसून के ‘‘सामान्य के करीब’’ रहने और पूरे देश में वर्षा होने की उम्मीद है जो कृषि क्षेत्र के लिए मददगार हो सकती है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने कहा कि मानूसनी वर्षा दीर्घकालिक औसत (एलपीए) के 96 प्रतिशत रहने की संभावना है। उसमें मॉडल त्रुटि के तौर पर पांच फीसद का उतार-चढ़ाव हो सकता है।
एलपीए 1951 और 2000 के बीच की बारिश का औसत है जो 89 सेंटीमीटर है। आईएमडी ने दीर्घकालिक अनुमान में कहा, ‘‘ पूर्वानुमान बताता है कि 2019 की दक्षिण पश्चिम मानसूनी वर्षा सामान्य के करीब रहने की संभावना है। मानसूनी वर्षा के सामान्य से ऊपर और अधिक रहने की गुजाइंश बहुत कम है।’’ आईएमडी के मुताबिक, ‘सामान्य के करीब’ वर्षा होने की उम्मीद 39 फीसद और ‘सामान्य से कम’ वर्षा होने की संभावना 32 फीसद तथा ‘सामान्य से ऊपर वर्षा की महज 10 फीसद संभावना है। विभाग का कहना है कि निम्न वर्षा की 17 फीसद और अत्यधिक वर्षा की सिर्फ दो फीसद संभावना है।
आईएमडी महानिदेशक के जे रमेश ने कहा कि मानसून सीजन के दौरान पूरे देश में वर्षा होने की संभावना है जो आगामी खरीफ की फसल के दौरान किसानों के लिए मददगार होगी। मानसून को भारतीय उपमहाद्वीप में जीवनरेखा समझा जाता है जहां अर्थव्यवस्था अब भी कृषि पर काफी हद तक आश्रित है लेकिन देश के कई क्षेत्र कृषि संकट से गुजर रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि आईएमडी ने एलपीए के 96-104 फीसद के बीच की वर्षा के लिए ‘सामान्य के करीब’ की एक श्रेणी शुरू की है। पिछले साल के उसके पूर्वानुमान में 96-104 फीसद के बीच की वर्षा को ‘सामान्य’ श्रेणी में रखा गया था। एलपीए के 90-96 प्रतिशत के बीच की वर्षा ‘‘सामान्य से कम’’ की श्रेणी में आती है।
96 फीसद वर्षा को सामान्य से कम और सामान्य की श्रेणी की सीमा पर माना जाता है। जब राजीवन से ‘सामान्य के करीब’ श्रेणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘सामान्य मानसून होगा।’’ पिछले महीने निजी मौसम पूर्वानुममान एजेंसी स्काईमैट ने ‘सामान्य से कम’ वर्षा का अनुमान लगाया था। पिछले साल आईएमडी ने एलपीए की 97 फीसद वर्षा होने का अनुमान लगाया था लेकिन सीजन के अंत तक देश में 91 फीसद वर्षा हुई। आईएमडीने कहा है कि वह जून के पहले हफ्ते में दूसरे चरण का मानसून पूर्वानुमान जारी करेगा। भाषा राजकुमार प्रशांत प्रशांत