आईआईटी कानपुर ने नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए छात्र उद्यमिता नीति बनाई
By भाषा | Published: August 5, 2021 10:56 PM2021-08-05T22:56:53+5:302021-08-05T22:56:53+5:30

आईआईटी कानपुर ने नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए छात्र उद्यमिता नीति बनाई
कानपुर (उत्तर प्रदेश), पांच अगस्त भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर की एकेडमिक सीनेट ने छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए व्यापक छात्र उद्यमिता नीति को मंजूरी दी है।
आईआईटी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और राष्ट्रीय नवाचार और स्टार्ट-अप नीति (एनआईएसएम) के अनुरुप छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देगी।
संस्थान द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह नीति "नवाचार और उद्यमिता क्रेडिट" की पथ-प्रदर्शक अवधारणा पेश करती है जो छात्रों को अपनी डिग्री हासिल करने के दौरान अपनी अकादमिक यात्रा के हिस्से के रूप में अपने नवाचार और उद्यमशीलता की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाएगी।
इस नीति के तहत तृतीय वर्ष के स्नातक के छात्र न्यूनतम पाठ्यक्रम कार्य पूरा करने के तुरंत बाद स्नातकोत्तर छात्रों को उद्यमशीलता की गतिविधियों को आगे बढ़ाते हुए अकादमिक क्रेडिट प्राप्त कर सकेंगे। छात्र परिसर के अंदर और बाहर दोनों जगह सुविधाओं का उपयोग करके अपने विचारों को आगे बढ़ाने के लिए सेमेस्टर अवकाश का भी लाभ उठा सकेंगे।
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा, ‘‘आधुनिक उद्योग की चुनौतियों से निपटने के लिए छात्रों को सामान्य शिक्षार्थियों से रचनाकार और नवप्रवर्तक के रूप में विकसित होने की आवश्यकता है। इसके लिए विश्वविद्यालयों को ऐसा बनना होगा, जहां युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाता है, रचनात्मक विचार चमकते हैं जो भविष्य के नवाचार को जन्म दे सकते हैं, भारत की वास्तविक नवाचार और उद्यमिता क्षमता को साकार करने में योगदान दे सकते हैं।’’
उन्होंने बताया, ‘‘संस्थान में छात्रों और संकाय सदस्यों (फैकल्टी) के लिए नेशनल इनोवेशन एंड स्टार्ट-अप पॉलिसी फॉर स्टूडेंट्स एंड फैकल्टी 2019 की कई सिफारिशें पहले से ही लागू हैं। संस्थान में एक संकाय (फैकल्टी) उद्यमिता नीति भी है जिसके तहत संस्थान के संकाय (फैकल्टी) सदस्य संस्थान के नियमित कर्मचारियों के रूप में अपना कार्य जारी रखते हुए एक कंपनी शुरू कर सकते हैं।
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