बीजेपी से बर्खास्त किए गए अनिल सौमित्र बने IIMC के प्रोफेसर, महात्मा गांधी को बताया था पाकिस्तान का राष्ट्रपिता
By रामदीप मिश्रा | Published: October 31, 2020 07:13 AM2020-10-31T07:13:56+5:302020-10-31T07:13:56+5:30
सौमित्र को महात्मा गांधी के खिलाफ उनकी टिप्पणी के बाद मई 2019 में बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था। पार्टी ने कहा था कि उनकी सोशल मीडिया पोस्ट पार्टी की नैतिकता, सिद्धांतों के खिलाफ थी। इसकी वजह से बीजेपी की छवि खराब हुई है।
नई दिल्लीः मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मीडिया सेल के प्रमुख रहे अनिल कुमार सौमित्र पिछले साल उस समय चर्चा में आए जब उन्होंने महात्मा गांधी को पाकिस्तान का राष्ट्रपिता बता दिया था। इसके बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। अब वह भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) में प्रोफेसर नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने इसी संस्थान से पत्रकारिता की पढ़ाई भी की है।
आईआईएमसी में सौमित्र की नियुक्ति की पुष्टि हो गई है। इस पद के लिए 60 से अधिक आवेदकों का साक्षात्कार लिया गया और 26 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर कहा गया है कि उन्होंने संस्थान में एक प्रोफेसर के तौर पर ज्वॉइन किया है। IIMC ने 20 अक्टूबर को उन्हें पत्र भेजा और कहा कि सितंबर के पहले सप्ताह में साक्षात्कार होने के बाद उनका चयन हो गया है ज्वॉइनिंग डेट के बाद से दो साल तक प्रोवेशन पर रहेंगे।
आपको बता दें, सौमित्र को महात्मा गांधी के खिलाफ उनकी टिप्पणी के बाद मई 2019 में बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था। पार्टी ने कहा था कि उनकी सोशल मीडिया पोस्ट पार्टी की नैतिकता, सिद्धांतों के खिलाफ थी। इसकी वजह से बीजेपी की छवि खराब हुई है। यह दूसरी बार था जब सौमित्र को पार्टी से संबंधित पद से हटाया गया था।
अनिल कुमार सौमित्र ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि महात्मा गांधी राष्ट्रपिता थे, लेकिन पाकिस्तान राष्ट्र के। भारत राष्ट्र में तो उनके जैसे करोड़ों पुत्र हुए। कुछ लायक तो कुछ नालायक। कांग्रेस ने उनको राष्ट्र का पिता बताया, राष्ट्र का कोई पिता नहीं होता, पुत्र होता है। चर्च में होते हैं फादर, कांग्रेस ने उसका हिंदी रूपांतरण पिता कर दिया।
अनिल कुमार सौमित्र 2013 में वह मध्य प्रदेश में बीजेपी के मुखपत्र चरैवेति के संपादक थे। इस दौरान उन्होंने कैथोलिक चर्च में ननों के यौन शोषण का आरोप लगाते हुए पत्रिका में 'चर्च के नर्क में नन का जीवन' नाम से आर्टिकल छापा। विवाद बढ़ने के बाद सौमित्र को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था।