जयंत सिन्हा ने लिंचिंग के आरोपियों का माला पहनाकर किया था सम्मान, विवाद बढ़ने पर मांगी माफी
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: July 12, 2018 03:04 AM2018-07-12T03:04:59+5:302018-07-12T06:07:48+5:30
मॉब लिंचिंग के आरोपियों का माला पहनाकर स्वागत करने के कारण केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को खासा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
मॉब लिंचिंग के आरोपियों का माला पहनाकर स्वागत करने के कारण केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को खासा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। अब इस मामले पर उन्होंने खेद जताया है। हाल ही मेंजयंत सिन्हा ने कहा, 'वहां जो परिस्थिति थी और जो बातें बाद में कही गईं, या कही जा रही हैं, दोनों में जमीन आसमान का फर्क है।
लेकिन फिर भी अगर किसी को मेरी किसी भी कार्यशैली से पीड़ा पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं। इतना ही नहीं मामला बढ़ने के बाद माफी मांगते हुए उन्होंने कहा है कि मैंने कई बार कहा कि यह मामला न्यायालय के अधीन है। इस मसले पर लंबी चर्चा करना सही नहीं होगा। सभी को न्याय मिलेगा और दोषियों को सजा मिलेगी और जो निर्दोष हैं उन्हें भी न्याय अवश्य मिलेगा और जहां तक माला पहनाने का सवाल है, तो इससे गलत संदेश गया है, जिसका मुझे दुख है।
I have earlier also said that law will take its own course. Guilty will be punished & innocent will be spared. If by garlanding those men (Ramgarh lynching case convicts) an impression has gone out that I support such vigilantism then I express regret: Union Minister Jayant Sinha pic.twitter.com/vHEtqhRg8n
— ANI (@ANI) July 11, 2018
वहीं, हाल ही में झारखंड के रामगढ़ जिले के मॉब लिंचिंग को लेकर केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि मामले में हाई कोर्ट ने आरोपियों की सजा को सस्पेंड कर दिया और उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। इस मामले पर केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा है, मैंने पहले ही अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है। अभियुक्त को दंडित किया जाना चाहिए।
मैं एक सार्वजनिक प्रतिनिधि और एक मंत्री हूं, मैंने कानून की रक्षा करने के लिए शपथ ली है। उनके हाथों में कानून लेने का कोई अधिकार नहीं है। जयंत सिन्हा ने यह भी कहा कि वह कोर्ट से अपील करना चाहते हैं कि एक बार फिर इस मामले पर सुनवाई की जाए। बता दें कि पहली अदालत ने आरोपी की सजा को निलंबित कर दिया है और अपने मामले को स्वीकार करते हुए उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया है। जयंत सिन्हा ने अपील की है कि मामला एक बार फिर से सुना जाना चाहिए।
शुक्रवार(6 जुलाई) को मामला उस वक्त तूल पकड़ा जब आरोपियों के बरी होकर जेल से बाहर आने पर उनके स्वागत की खबर चर्चा में आयी। 29 जून 2017 को झारखंड के रामगढ़ में भीड़ ने मीट व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। अलीमुद्दीन कथित तौर पर अपनी वैन से मांस लेकर आ रहा था। वैन में बीफ होने के शक में कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया था। उन लोगों ने पहले उसकी गाड़ी को आग लगाई और फिर अलीमुद्दीन को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया।