'मार्शल न बचाते तो उप सभापति पर होता शारीरिक हमला', कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का विपक्ष पर निशाना

By स्वाति सिंह | Published: September 21, 2020 08:13 PM2020-09-21T20:13:09+5:302020-09-21T20:14:41+5:30

रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि संसद के इतिहास में कल का दिन सबसे शर्मनाक दिन था। माइक तोड़ी गई, माइक का तार निकाल दिया गया और ऐसे लोग जो अपनी पार्टी के नेता हैं उन्होंने रूल बुक फाड़ दिया। ऐसे व्यक्ति जो 10 साल तक यूपीए में मंत्री थे वेल में आ गए

'If the Marshal could not save, there would be a physical attack on the Deputy Chairman', Law Minister Ravi Shankar Prasad attacked the opposition. | 'मार्शल न बचाते तो उप सभापति पर होता शारीरिक हमला', कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का विपक्ष पर निशाना

उन्होंने दावा किया कि सरकार के पास राज्यसभा में पूर्ण बहुमत था। इसलिए वोटिंग से कोई ऐतराज नहीं था।

Highlightsरविशंकर प्रसाद ने सोमवार को 8 निलंबित सांसदों पर जमकर निशाना साधा। रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि संसद के इतिहास में कल का दिन सबसे शर्मनाक दिन था।

नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को 8 निलंबित सांसदों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इन सांसदों को अगर मार्शल न रोकते तो यह राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश जी पर शारीरिक हमला कर देते। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कल का दिन (रविवार) संसद के इतिहास का सबसे शर्मनाक दिन था। बता दें कि कृषि बिल पर कल राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। उप सभापति का माइक तोड़ दिया गया। आज सभापति वेंकैया नायडू ने कार्रवाई करते हुए 8 सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया। इसके बावजूद ये सांसद सदन से बाहर जाने को राजी नहीं थे।

रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि संसद के इतिहास में कल का दिन सबसे शर्मनाक दिन था। माइक तोड़ी गई, माइक का तार निकाल दिया गया और ऐसे लोग जो अपनी पार्टी के नेता हैं उन्होंने रूल बुक फाड़ दिया। ऐसे व्यक्ति जो 10 साल तक यूपीए में मंत्री थे वेल में आ गए। अगर मार्शल नहीं बचाते तो उप सभापति के ऊपर शारीरिक हमला भी हो सकता था। कई सांसदों ने अपने कागज उठाकर फेंका। कुछ लोग टेबल पर चढ़ गए। मैंने भी राज्यसभा में लगभग 19 साल बिताए हैं। हमने आज तक ऐसा शर्मनाक व्यवहार राज्यसभा में आज तक नहीं देखा था। ऐसे सांसदों द्वारा ये हरकत की गई जो वरिष्ठ सदस्य हैं। ऐसे लोग जो अपनी पार्टी के नेता हैं, मंत्री रहे हैं, नियम और मर्यादा दोनों जानते हैं। इनका व्यवहार शर्मनाक है और इसकी जितनी निंदा की जाए कम है।'

इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि सरकार के पास राज्यसभा में पूर्ण बहुमत था। इसलिए वोटिंग से कोई ऐतराज नहीं था। उन्होंने कहा, ' जिस तरह सदन नहीं चलने दिया गया यह और भी गलत है। राज्यसभा का सभापति देश का उप राष्ट्रपति भी होता है। उनके बार-बार कहने के बावजूद आज भी सदस्य सदन के बाहर जाने से मना कर दिया। हमारे पास राज्यसभा में बहुमत था। उपस्थित सदस्यों में सरकार के साथ 110 सदस्य थे जबकि विपक्ष में सिर्फ 72 सांसद थे। अगर वोटिंग होती, आप शांत होते तो आपकी हार होती। लेकिन विपक्ष का एजेंडा था कि हम सदन को यह बिल पास ही नहीं करने देगी। '

Web Title: 'If the Marshal could not save, there would be a physical attack on the Deputy Chairman', Law Minister Ravi Shankar Prasad attacked the opposition.

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