अगर सरकार सावरकर को ‘भारत रत्न’ देती है तो हम विरोध करेंगे, अंग्रेजों से माफी मांगने की बात मिटाई नहीं जा सकतीः चव्हाण

By भाषा | Published: January 17, 2020 05:45 PM2020-01-17T17:45:36+5:302020-01-17T17:45:36+5:30

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब महाराष्ट्र में कुछ हफ्ते पहले शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान और सेवा दल की एक पुस्तिका को लेकर दोनों पार्टियों के बीच कड़वाहट पैदा हो गई थी।

If the government gives 'Bharat Ratna' to Savarkar, we will protest, the apology to the British cannot be erased: Chavan | अगर सरकार सावरकर को ‘भारत रत्न’ देती है तो हम विरोध करेंगे, अंग्रेजों से माफी मांगने की बात मिटाई नहीं जा सकतीः चव्हाण

शिवसेना संसद में कई बार यह मांग भी उठा चुकी है कि वीर सावरकर को भारत रत्न दिया जाना चाहिए।

Highlights‘जटिल और विवादित व्यक्तित्व’ सावरकर के बारे में कुछ अच्छी और कुछ खराब बातें दोनों थीं।कांग्रेस के लोगों को जो बात खराब लगती है, वह उसी के बारे में बात करेंगे।

वीर सावरकर को लेकर कांग्रेस और शिवसेना के बीच हालिया बयानबाजी की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने शुक्रवार को कहा कि सावरकर के अंग्रेजों से माफी मांगने की बात मिटाई नहीं जा सकती और अगर नरेंद्र मोदी सरकार उन्हें ‘भारत रत्न’ देती है तो हम उसका विरोध करेंगे।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ‘जटिल और विवादित व्यक्तित्व’ सावरकर के बारे में कुछ अच्छी और कुछ खराब बातें दोनों थीं, लेकिन कांग्रेस के लोगों को जो बात खराब लगती है, वह उसी के बारे में बात करेंगे। चव्हाण ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब महाराष्ट्र में कुछ हफ्ते पहले शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान और सेवा दल की एक पुस्तिका को लेकर दोनों पार्टियों के बीच कड़वाहट पैदा हो गई थी।

राहुल गांधी ने बलात्कार से जुड़ी अपनी एक टिप्पणी के भाजपा के विरोध का हवाला देते हुए 14 दिसंबर को रामलीला मैदान की एक रैली में कहा था कि ‘मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं, राहुल गांधी है। मैं कभी माफी नहीं मांगने वाला हूं।’’ इसके बाद सेवा दल की एक पुस्तिका में सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के बीच के कथित रिश्तों का उल्लेख किया गया था जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इसको लेकर शिवसेना ने कड़ी आपत्ति जताई थी।

शिवसेना संसद में कई बार यह मांग भी उठा चुकी है कि वीर सावरकर को भारत रत्न दिया जाना चाहिए। सावरकर को लेकर कांग्रेस और शिवसेना के बीच बयानबाजी के बारे में पूछे जाने पर चव्हाण ने कहा, ‘‘सावरकर एक जटिल और विवादित व्यक्तित्व थे। उनके बारे में इतिहास की काफी जानकारी सामने आई है। वह जेल में थे, यह बात सही है। लेकिन यह भी सही है कि सावरकर ने माफी मांगी थी। वह एक तरह से अंग्रेजों के साथ मिलकर काम कर रहे थे जिसके चलते अंग्रेजों ने उन्हें 60 रुपये की पेंशन दी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि इतिहास के किसी भी व्यक्ति का ब्लैक एंड व्हाइट विश्लेषण नहीं हो सकता। किसी कांग्रेसजन को पूछिए तो हमारे दिल में यही बात है कि कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं ने जान की बाजी लगा दी थी और फांसी के फंदे को चूम लिया था।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या सावरकर को लेकर कांग्रेस के विचार वही हैं जो शिवसेना से हाथ मिलाने से पहले थे तो चव्हाण ने कहा, ‘‘विचार की बात नहीं है, यह तथ्य है। यह भी सही है कि सावरकर ने इतिहास लिखा था और 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को उसमें जगह दी थी।

इतिहास में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। लेकिन उनके माफीनामे की बात तो मिटाई नहीं जा सकती।’’ शिवसेना की सावरकर के लिए भारत रत्न की मांग पर उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार जिसको चाहे उसे भारत रत्न दे सकती है, अगर उनकी विचारधारा भाजपा से मेल खाती है। यह भी है कि महात्मा गांधी की हत्या में संदेह पैदा हुआ था कि सावरकर शामिल थे या नहीं। कोई अंतिम बात नहीं की गई थी। कपूर आयोग ने शक की सुई की बात कही थी।

भारत रत्न देना तो मोदी सरकार का काम है। वो ऐसा करेंगे तो हम उसका विरोध करेंगे। इसमें कोई विवाद की बात नहीं है।’’ चव्हाण ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में सीएए, एनआरसी और एनपीआर लागू नहीं किया जाएगा क्योंकि केंद्र सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून में धर्म का पहलू शामिल कर दिया है। सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘ यह पहली बार है कि भाजपा ने एक लक्ष्मण रेखा पार की है। संविधान के तहत कानून बनाते समय धर्म का उपयोग नहीं होता है।

धर्मनिरपेक्ष देश में सबको समान अधिकार दिया जाता है। जिस तरह से इस कानून में मुस्लिम समाज को अलग रखा गया है उसका हम घोर विरोध करते हैं। समाज के दूसरे वर्गों के लोग भी इस आंदोलन में शामिल हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस आंदोलन कर रही है और देश में कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता है कि महाराष्ट्र में सीएए, एनआरसी और एनपीआर लागू होगा। सीएए में धर्म का पहलू है, इसलिए हम विरोध करते हैं। हम कहते हैं कि एनपीआर रोक दो।’’ 

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