भाजपा को सत्ता में वापसी करनी है तो अमित शाह को हटाकर इन्हें बनाना होगा बीजेपी अध्यक्ष!

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 7, 2019 07:28 AM2019-01-07T07:28:34+5:302019-01-07T07:30:58+5:30

13 दिसंबर के पत्र में उन्होंने लिखा कि बेरोजगारी, किसानों का कर्ज माफ नहीं करना, गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं करना, किसानों को लागत मूल्य अनुसार उपज के दाम नहीं दिलाना आदि का नकारात्मक असर पड़ा?

If the BJP has to return to power then the government and the organization will have to make this change | भाजपा को सत्ता में वापसी करनी है तो अमित शाह को हटाकर इन्हें बनाना होगा बीजेपी अध्यक्ष!

फाइल फोटो

Highlightsशिवराज सिंह चौहान को भाजपा अध्यक्ष, राजनाथ सिंह को यूपी का सीएम बनाने की वकालत गौतम के अनुसार, ''मोदी मंत्र और अमित शाह का चक्रव्यूह हाल में पांच राज्यों के चुनाव में निष्प्रभावी हो गया और हार की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष को खुद लेनी चाहिए.''

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक और पूर्व केंद्रीय मंत्री संघप्रिय गौतम ने 2019 में केंद्र की सत्ता में भाजपा की वापसी के लिए सरकार और संगठन में बदलाव की हिमायत करते हुए योगी आदित्यनाथ को हटाकर राजनाथ सिंह को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री, शिवराज सिंह चौहान को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष और नितिन गडकरी को उप-प्रधानमंत्री बनाने का सुझाव दिया है.

88 वर्षीय गौतम ने रविवार को कहा कि पार्टी को बचाने के लिए सरकार और संगठन में बदलाव जरुरी है क्योंकि बदलाव के बाद ही निराश पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह और विश्वास का संचार होगा. गौतम ने कहा कि ऐसा न होने पर नरेंद्र मोदी का फिर से प्रधानमंत्री बनना आसान नहीं होगा. एक समय पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार एवं पार्टी का दलित चेहरा रहे गौतम ने कहा कि उन्होंने 13 दिसंबर को पार्टी के नाम एक खुला पत्र लिखा था जिसके बाद ही नितिन गडकरी ने चुनावी हार के लिए पार्टी सेनापति को जिम्मेदार बताते हुए संगठन में बदलाव की बात कही थी.

गौतम के अनुसार, ''मोदी मंत्र और अमित शाह का चक्रव्यूह हाल में पांच राज्यों के चुनाव में निष्प्रभावी हो गया और हार की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष को खुद लेनी चाहिए.''

गौतम ने पार्टी और सरकार का ग्राफ गिरने की वजह बताते हुए कहा '' संविधान को बदलने की बात करना, संविधान से छेड़छाड़ करना, योजना आयोग को नीति आयोग में बदलना, सुप्रीम कोर्ट, आरबीआई, सीबीआई आदि संवैधानिक संगठनों में दखलअंदाजी, आर्थिक क्षेत्र में लिए निर्णयों ने प्रतिकूल असर डाला. मणिपुर और गोवा में जोड़-तोड़ की राजनीति से सरकार बनाना, उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाना, कर्नाटक में एक दिन की सरकार बनाना विवेकहीन निर्णय रहे.''

गौतम के मुताबिक, 13 दिसंबर के पत्र में उन्होंने लिखा कि बेरोजगारी, किसानों का कर्ज माफ नहीं करना, गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं करना, किसानों को लागत मूल्य अनुसार उपज के दाम नहीं दिलाना आदि का नकारात्मक असर पड़ा. गौतम के मुताबिक, पार्टी बनाने में चार लोगों का हाथ रहा है. इसमें अटल बिहारी वाजपेयी, प्रमोद महाजन, कल्याण सिंह और वह स्वयं शामिल थे. उन्होंने कहा ''संगठन को मजबूत बनाने में लौह पुरुष लाल कृष्ण आडवाणी की भूमिका अहम रही. तमाम बुजुर्ग नेता भले ही खुलकर कुछ न कहें लेकिन अगर उनसे बात की जाए तो वह अपना दर्द जरूर बयां करेंगे.''

Web Title: If the BJP has to return to power then the government and the organization will have to make this change