रेल यात्रियों में कोरोना लक्षण मिलने पर होना होगा सरकारी सेंटरों में क्वारेंटाइन, नहीं तो खुद के खर्चे पर होटल में करना होगा क्वारेंटाइन
By शिवअनुराग पटैरया | Published: May 31, 2020 04:32 PM2020-05-31T16:32:09+5:302020-05-31T16:32:09+5:30
रेलों में सफर करने वाले यात्री में अगर कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं और वह सरकारी सेंटरों में क्वारेंटाइन नहीं होता है तो उसे अपने खर्चे पर होटल में क्वारेंटाइन होना पड़ेगा।
भोपाल: देश भर में 1 जून से चलने वाली रेलों में सफर करने वाले यात्री में अगर कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं और वह सरकारी सेंटरों में क्वारेंटाइन नहीं होता है तो उसे अपने खर्चे पर होटल में क्वारेंटाइन होना पड़ेगा। मध्यप्रदेश में इन ट्रेनों का ठहराव सागर, विदिशा, रायसेन, भोपाल, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, अशोकनगर, गुना, राजगढ़ और शाजापुर में होगा।
इन जिलों के स्टेशनों पर यात्रियों की जांच के लिए पूरे समय स्वास्थ्य अमला तैनात किया जाएगा। राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि 1 जून से रेल सेवा शुरू होने के बाद राज्य में 15 ट्रेनों का ठहराव होगा। सेवाएं बहाल होने पर रेल आवागमन संबंधी केन्द्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश के रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों कीथर्मल स्क्रीनिंग और अन्य प्रबंधों के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। जांच में जिन यात्रियों के संक्रमित होने का संदेह होगा, उन्हें 14 दिन के लिए पृथक केंद्र में रखा जाएगा। जो यात्री पृथक केंद्र में रहने से मना करेंगे तो उन्हें खुद के खर्चें पर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित निजी होटलों में क्वारेंटाइन रखा जाएगा।
वहीं एमपी में कोरोना संक्रमण की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को प्रदेश में कोरोना के 192 नए मरीज सामने आये जबकि शुक्रवार को 219 मरीजों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गयी। प्रदेश में शुक्रवार शाम तक कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 3,042 थी। बैठक में सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में कोरोना मरीजों की ठीक होने की दर 56 प्रतिशत हो गई है जबकि देश में यह 42.8 फीसदी है। शुक्रवार रात तक मध्यप्रदेश में कुल 7,645 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई।