एक हजार साल में एक बार चमगादड़ों से इंसानों में आता है कोरोना वायरस, ये दुर्लभ घटना: ICMR
By मनाली रस्तोगी | Published: April 16, 2020 02:09 PM2020-04-16T14:09:10+5:302020-04-16T14:12:52+5:30
इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ रिसर्च (ICMR) के अध्यक्ष आर गंगाखेडकर ने कहा कि जब कोई वायरस जाति बदलता है तो बहुत दुर्लभ घटना होती है और तब ये इंसानों में फैलता है। इसलिए चमगादड़ों से इंसानों में कोरोना वायरस आना बहुत दुर्लभ घटना है।
नई दिल्ली: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कहा है कि चमगादड़ों से इंसानों के कोरोना वायरस संक्रमित होने की घटना बेहद दुर्लभ है। चीन में हुए स्टडी का हवाला देते हुए आईसीएमआर ने बताया कि Sars-CoV-2 वायरस जिसकी वजह से इंसानों को कोविड-19 हो रहा है, वह बदले हुए रूप में है।
ICMR के अध्यक्ष आर गंगाखेडकर (R Gangakhedkar) ने मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया है कि एक सर्विलांस चमगादड़ों को लेकर शुरू किया था। इस सर्विलांस में ये बात सामने आई कि कोरोना वायरस चमगादड़ों में भी पाया जाता है, लेकिन वो चमगादड़ों वाला कोरोना वायरस होता है। ऐसे में यह वायरस करीब एक हजार साल में एक बार जाति बदलने के रूप में चमगादड़ों से इंसानों में आता है। इसलिए ये एक बहुत दुर्लभ घटना है।
दरअसल, गंगाखेडकर से एक सवाल पूछा गया था, जिसके जवाब में उन्होंने बताया कि चीन से जो रिसर्च सामने आई है, उसके अनुसार, चमगादड़ों के वायरस में कुछ म्यूटेशन में विकास हुआ, जिसकी वजह से ये वायरस चमगादड़ों से इंसानों में आने की क्षमता रखता होगा। अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि इंसानों में आने के बाद ये हमें बीमार करने की क्षमता भी रखता होगा।
We also conducted surveillance, in which we found that there are two types of bats, and they carried #Coronavirus which was not capable of affecting humans. It's rare, maybe once in 1000 years that it gets transmitted from bats to humans: Raman Gangakhedkar, ICMR) (2/2) https://t.co/vcWnrEjqo5
— ANI (@ANI) April 15, 2020
उन्होंने बताया कि ये वायरस पहले चमगादड़ों से पैंगुलीन (एक प्रकार का मैमल) में आया होगा, उसके बाद वहां से ये इंसानों में आ गया होगा। आर गंगाखेडकर ने बताया कि चमगादड़ के दो किस्म होते हैं। कोरोना वायरस उनमें नजर आता है, लेकिन ये वायरस चमगादड़ों से सीधे इंसानों में आने की काबिलियत नहीं रखता था। उन्होंने अपनी बात को समझाने के लिए कहा, 'एक हजार साल में एक बार ही ऐसा हुआ होगा कि किसी वायरस द्वारा जाति बदलने की वजह से वो किस्म इंसानों में आ गया हो। यह बेहद दुर्लभ घटना होती है।'