आईसीएमआर ने कोरोना वायरस के नमूनों की जांच के लिए जारी किया नया परामर्श
By भाषा | Published: April 14, 2020 05:19 AM2020-04-14T05:19:33+5:302020-04-14T05:19:33+5:30
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा कि भारत में कोविड-19 के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है तथा इसे देखते हुए प्रयोगशालाओं द्वारा परीक्षणों की संख्या बढ़ाया जाना काफी महत्वपूर्ण है।
नयी दिल्ली: भारत में कोविड-19 के मामलों में आयी तेजी के बीच आईसीएमआर ने सोमवार को देश में परीक्षण बढ़ाने के प्रयासों के तहत कोरोना वायरस की आणविक जांच (मोलिक्यूलर टेस्टिंग) के मकसद से एकत्रित नमूनों (पूल्ड सैंपल्स) के उपयोग की संभावना के बारे में सोमवार को एक परामर्श जारी किया।
परिस्थिति की आवश्यकता को देखते हुए देश के शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान निकाय भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा कि भारत में कोविड-19 के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है तथा इसे देखते हुए प्रयोगशालाओं द्वारा परीक्षणों की संख्या बढ़ाया जाना काफी महत्वपूर्ण है।
इसने कहा कि कोरोना वायरस परीक्षण में रियल टाइम ‘‘आरटी-पीसीआर’’ जांच के लिए नमूनों को इकट्ठा करने की सिफारिश केवल उन्हीं क्षेत्रों के लिए की जा रही है जहां कोविड-19 का प्रसार बहुत कम है। इस परामर्श में कहा गया है कि निगेटिव पूल में सभी वैयक्तिक नमूनों को निगेटिव माना जाएगा।