कश्मीर ड्रोन हमले जैसी घटना से निपटने के लिए वायुसेना अलर्ट, जल्द 10 एंटी ड्रोन सिस्टम खरीदने की तैयारी

By दीप्ती कुमारी | Published: July 6, 2021 12:16 PM2021-07-06T12:16:36+5:302021-07-06T12:19:24+5:30

कश्मीर में हुए ड्रोन हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने 10 एंट्री ड्रोन खरीदने के लिए आरएफआई जारी किया है । यह ड्रोन दुश्मन ड्रोन का पता लगाकर उन्हें मार गिराने में माहिर होते हैं ।

iaf plans to buy 10 anti drone systems from indian vendors after jammu air base attack | कश्मीर ड्रोन हमले जैसी घटना से निपटने के लिए वायुसेना अलर्ट, जल्द 10 एंटी ड्रोन सिस्टम खरीदने की तैयारी

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया

Highlightsकश्मीर में ड्रोन हमले के बाद वायुसेना ने 10 एंटी ड्रोन खरीदने की रखी मांग सेना स्वदेशी कंपनियों के माध्यम से सीयूएएस खरीदना चाहती है सीयूएएस की मदद से दुश्मन ड्रोन का पता लगाना, खतम करना और संचार प्रणाली को ध्वस्त करने का काम करता है

दिल्ली: कश्मीर में हुए ड्रोन हमले के बाद भारतीय वायु सेना अब देश की सुरक्षा के लिए कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती इसलिए उसने 10 काउंटर रहित मानव प्रणाली (सीयूएएस) या एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदने की मांग की है ।
इसके लिए वायुसेना ने पिछले सप्ताह सूचना के लिए अनुरोध (आरएफआई) जारी किया और भारतीय कंपनियों से काउंटर-ड्रोन सिस्टम (CUAS) के लिए प्रतिक्रिया मांगी।

दरअसल 27 जून को जम्मू एयरपोर्ट पर ड्रोन से हमले में दो भारतीय वायुसेना के जवान भी घायल हो गए थे और देश में इस बात को लेकर चिंता जाहिर की जा रही थी कि आखिर इस तरह के हमलों से कैसे निपटा जा सकता है । हालांकि बाद में जम्मू स्टेशन पर एक ड्रोन रोधी प्रणाली स्थापित की गई । रक्षा सूत्रों के अनुसार, सीयूएएस के लिए खरीद और आरएफआई पर कई महीनों से काम चल रहा था । 

सेना द्वारा जारी आरएफआई में कहा गया कि वह स्वदेशी कपनियों के माध्यम से 10 सीयूएएस खरीदना चाहता है और इस सिस्टम को खरीदने का उद्देश्य हमले के लिए किए गए ड्रोन का पता लगाना, ट्रैक करना , पहचानना और बेअसर करना है । आरएफआई ने कहा कि एक लेजर निर्देशित ऊर्जा हथियार (लेजर-डीईडब्ल्यू) को मारक क्षमता के लिए अनिवार्य बताया ताकि दुश्मन से लोहा लिया जा सके ।  

क्या होता है सीयूएएस 

यह एक एंटी ड्रोन सिस्टम और मानव रहित ड्रोन का पता लगाता है और उन्हें रोकने का भी काम करता है । इन ड्रोन को आमतौर पर खुफिया जानकारी , प्रतिबंधित साम्रगी की तस्करी और विस्फोटको से तबाही मचाने के लिए तैनात किया जाता है ।

इसका उपयोग सैन्य ठिकानों , हवाई अड्डों और महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा के लिए जरूरी माना जाता है । आमतौर पर इसके दो प्रमुख काम होते हैं । पहला दुश्मन ड्रोन का पता लगाना और हथियार प्रणाली की मदद से इसका विनाश करना या इसके संचार संकेतों को खत्म करना । वायुसेना जल्द से जल्द ये 10 एंटी ड्रोन खरीदना चाहती है । 

Web Title: iaf plans to buy 10 anti drone systems from indian vendors after jammu air base attack

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