भारतीय वायु सेना को मिली तेजस लड़ाकू विमानों से लैस नई स्क्वाड्रन, एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने भरी उड़ान
By विनीत कुमार | Published: May 27, 2020 12:24 PM2020-05-27T12:24:50+5:302020-05-27T12:26:12+5:30
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने वायु सेना स्टेशन सुलूर में 45वीं स्क्वाड्रन के साथ लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस लड़ाकू विमान को उड़ाया। तेजस विमानों वाली भारतीय वायु सेना की यह दूसरी स्क्वाड्रन है।
भारतीय वायु सेना में आज तेजस लड़ाकू विमान का नया और दूसरा स्क्वाड्रन शामिल हो गया। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने तमिलनाडु में कोयंबटूर के पास स्थित सुलुर एयरबेस पर भारतीय वायु सेना को स्वदेश में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन सौंपी। ये वायु सेना की 18वीं स्क्वाड्रन भी है।
इस मौके पर एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने वायु सेना स्टेशन सुलूर में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस लड़ाकू विमान को भी उड़ाया। इस स्क्वाड्रन का नाम ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ रखा गया था। वायुसेना प्रमुख ने सिंगल सिटर तेजस उड़ाया।
#WATCH Air Force Chief RKS Bhadauria landing the LCA Tejas Aircraft after a sortie at the induction ceremony of the second squadron of the LCA Tejas fighters in Sulur, Tamil Nadu today. pic.twitter.com/WvFvhMstiw
— ANI (@ANI) May 27, 2020
तेजस विमानों वाली भारतीय वायु सेना की यह दूसरी स्क्वाड्रन है। तेजस चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित किया गया है। भारतीय वायु सेना ने पहले ही 40 तेजस विमानों का आर्डर दिया है और जल्दी ही एचएएल को 83 और विमानों का आर्डर दिया जा सकता है जिसमें लगभग 38,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
वायु सेना की 18वीं स्क्वाड्रन की स्थापना 1965 में की गई थी और इसका आदर्श वाक्य है ‘तीव्र और निर्भय।’ पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में सक्रिय भूमिका निभाने वाली इस स्क्वाड्रन को 15 अप्रैल 2016 को सेवा मुक्त कर दिया गया था और इससे पहले इसमें मिग-27 विमान शामिल थे। स्क्वाड्रन को एक अप्रैल 2020 को पुनः शुरू किया गया था। इस स्क्वाड्रन को नवंबर 2015 में राष्ट्रपति द्वारा ध्वज प्रदान किया गया था।