"मुसलमान 'भारत माता की जय' कहे तो मुझे खुशी होगी", ठेकेदार की मौत में मंत्री पद गंवाने वाले ईश्वरप्पा ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 30, 2022 04:09 PM2022-05-30T16:09:07+5:302022-05-30T16:15:13+5:30
कर्नाटक सरकार के पूर्व मंत्री ईश्वरप्पा ने कहा कि जो मुसलमान भारत में पैदा हुए हैं, यहां का अन्न खाते हैं, यहां की नदियों का पानी पीते हैं अगर वो भारत माता की जय और वंदे मातरम का नारा लगाते हैं तो उन्हें बहुत खुशी होगी।
बेगलुरु: ठेकेदार की मौत और कमीशन मांगने के आरोप में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री का पद गंवाने वाले केएस ईश्वरप्पा ने कहा कि अगर मुस्लिम संगठन 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' का नारा लगाएं तो उन्हें बहुत खुशी होगी।
कर्नाटक सरकार के सबसे विवादास्पद मंत्री रहे ईश्वरप्पा ने सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुसलमानों को यह समझना चाहिए कि वे भारत में पैदा हुए हैं, यहां का अन्न खा रहे हैं, यहां की नदियों का पानी पी रहे हैं और यहां की बहने वाली हवाओं में सांस लेकर जी रहे हैं, इसलिए अगर वो भारत माता की जय और वंदे मातरम का नारा लगाते हैं तो मुझे बहुत खुशी होगी। आखिर वो भी भारतीय नागरिक ही हैं।"
समाचार वेबसाइट 'डेक्कन हेराल्ड' के मुताबिक बीते दिनों पूर्व सीएम सिद्धारमैया सहित कांग्रेस के तमाम नेताओं द्वारा राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ पर किये जा रहे हमले का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "वो संघ का आलोचना केवल इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वो इस बात को अच्छे से जानते हैं कि संघ बीजेपी को ताकत देता है। इसलिए वे संघ की बुराई करते हैं। हालांकि भारत ने आजादी के 75 साल पूरे कर लिए लेकिन जब तक भाजपा सत्ता में नहीं आयी किसी ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया, ये भाजपा ही है, जिसके सत्ता में आते ही राम मंदिर का भव्य निर्माण शुरू हो गया।"
इसके साथ ही ईश्वरप्पा ने कहा, "कितने दुर्भाग्य की बात है कि हमें आजादी के 75 साल पूरे होने के बाद पता चल रहा है कि मस्जिद में शिवलिंग है। अब इस बात को कहा जा रहा है कि मथुरा में कृष्ण मंदिर को गिराकर मस्जिद निर्माण किया गया है। कहा तो यहां तक जाता है कि भारत में मस्जिद बनाने के लिए 36,000 मंदिरों को तोड़ा गया था। हम चाहते हैं कि उन मंदिरों का फिर से उनकी जगह पर बनाया जाए। इस सच्चाई को संघ ने देश के सामने रख दिया है इसलिए कांग्रेस उसकी झूठी आलोचना कर रही है।"
मालूम हो कि बीते अप्रैल में उडुपी के एक होटल में एक सरकारी ठेकेदार संतोष पाटिल के संदिघ्ध अवस्था में मृत पाए जाने के बाद हुए बवाल में केएस ईश्वरप्पा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कर्नाटक सरकार में तत्कालीन ग्रामीण विकास और पंचायती राजमंत्री केएस ईश्वरप्पा पर आरोप लगा था कि वो ठेकेदार संतोष पाटिल से काम के बदले चालीस परसेंट कमीशन माग रहे थे, जिससे तंग आकर संतोष ने आत्महत्या कर ली।
इस आरोपों के घेरे में आने के बाद कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई पर हमला करते हुए ईश्वरप्पा को मंत्रिमंडल से हटाने और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर दी और मामले को तूल पकड़ता हुआ देखकर अंत में सीएम बोम्मई ने केएस ईश्वरप्पा का इस्तीफा ले लिया और फिर पुलिस ने भी उनके खिलाफ ठेकेदार संतोष को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए केस दर्ज कर लिया।