कार्यभार संभलाते ही चर्चा में आया नए CJI रंजन गोगोई का पहला बयान, कहीं ये बातें
By स्वाति सिंह | Published: October 4, 2018 11:06 AM2018-10-04T11:06:48+5:302018-10-04T11:06:48+5:30
Ranjan Gogoi First Working Day as CJI: एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह ने सीजेआई से नरमी बरतने की गुहार की थी। उन्होंने कहा था कि बार कृपया सुनवाई के दौरान जूनियर के प्रति उदारता बरते। इसी का जवाब देते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने यह जवाब दिया।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर: जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को सीजेआई के रूप में अपना कार्यभार संभाला। प्रधान न्यायाधीश का पद संभालते ही सीजेआई रंजन गोगोई का पहला बयान चर्चा में आ गया।
सीजेआई गोगोई ने कहा ' मैं बहुत सख्त हूं, मैं जो हूं वही हूं और मैं इसे बदल नहीं सकता।' यह बयान सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में दिया। गौरतलब है कि एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह ने सीजेआई से नरमी बरतने की गुहार की थी। उन्होंने कहा था कि बार कृपया सुनवाई के दौरान जूनियर के प्रति उदारता बरते। इसी का जवाब देते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने यह जवाब दिया।
रोस्टर में किए बदलाव
बता दें कि जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ ली। इसके बाद उन्होंने अपना कार्यभार संभाला। नए सीजेआई ने अपने कार्यकाल के पहले ही दिन कई अहम कदम उठाए, जिसमें उन्होंने चुनाव सुधार से जुड़ी याचिका को खारिज किया और रोस्टर में बदलाव किया।
सीजेआई गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट का नया रोस्टर जारी किया, जिसमें उन्होंने सुनवाई के लिए अहम मामलों को खुद के पास रखा। इसके साथ इस रोस्टर को तत्काल प्रभाव से आज से ही लागू करने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले महीनों सुप्रीम कोर्ट के रोस्टर को लेकर काफी सवाल उठे थे। इसके लिए चार जजों ने मीडिया के सामने आकर रोस्टर पर सवाल उठाए थे। इनमें नए सीजेआई रंजन गोगोई भी शामिल थे। कोर्ट के रोस्टर को लेकर बवाल मचने के बाद यह तय हो गया था कि मास्टर ऑफ रोस्टर सीजेआई ही होंगे।
आपको बता दें, सीजेआई रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ था। उन्होंने 1978 में बतौर वकील पंजीकरण कराया था। 28 फरवरी 2001 को स्थायी जज बने। 12 फरवरी 2011 को रंजन गोगोई पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हुए। 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए।
सीजेआई गोगोई पूर्वोत्तर भारत से आने वाले पहले जज हैं जो देश के प्रधान न्यायाधीश के पद को सुशोभित हो गए हैं। वे 17 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर होंगे।