पूरा विश्वास है कि एरो इंडिया का 13वां संस्करण काफी सफल रहेगा : राजनाथ सिंह
By भाषा | Published: January 15, 2021 10:51 PM2021-01-15T22:51:50+5:302021-01-15T22:51:50+5:30
बेंगलुरू, 13 जनवरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को विश्वास जताया कि एरो इंडिया का 13वां संस्करण ‘‘काफी सफल’’ रहेगा जिसे एशिया की सबसे बड़ी एरोस्पेस प्रदर्शनी माना जाता है। इसका आयोजन तीन से पांच फरवरी तक कोविड-19 के सभी एहतियात बरतते हुए किया जाएगा।
सिंह की अध्यक्षता में एरो इंडिया की शीर्ष समिति की बैठक में शामिल होने वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने कहा कि इस वर्ष शो के लिए सड़क ढांचे के विकास पर सरकार 30 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इसके अलावा अन्य प्रत्यक्ष एवं परोक्ष खर्च भी उठाएगी।
सिंह ने कहा, ‘‘यहां कर्नाटक सरकार और रक्षा मंत्रालय के बीच बैठक हुई जिस दौरान एरो इंडिया को सफल बनाने पर निर्णय किया गया।’’
शीर्ष समिति की बैठक में शामिल होने के बाद रक्षा मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि समीक्षा के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि एयर शो को सफल बनाने के लिए कर्नाटक सरकार, रक्षा मंत्रालय और खासकर वायु सेना ने आवश्यक सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
सिंह ने कहा कि बेंगलुरू में पहले एयर शो के कई संस्करणों का आयोजन हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस शहर के पास एयर शो आयोजित करने के जितने अनुभव हैं उतना किसी भी शहर के पास नहीं है।
साथ ही देश में सर्वाधिक एरोस्पेस उद्योग बेंगलुरू में हैं।
एक आधिकारिक बयान में बैठक में मंत्री के हवाले से बताया गया कि एचएएल को 48 हजार करोड़ रुपये का 83 हल्के लड़ाकू विमान का आदेश मिलने से कर्नाटक और खासकर बेंगलुरू को फायदा मिला जहां 50 हजार से अधिक नौकरियों का सृजन होगा और इसमें एमएसएमई तथा निजी क्षेत्र की भी काफी भागीदारी होगी।
एयर शो की 1996 में शुरुआत होने के बाद से बेंगलुरू में ही इसका आयोजन होता रहा है।
तीन दिवसीय कार्यक्रम को ‘‘दुनिया की पहली हाइब्रिड प्रदर्शनी’’ बताया जा रहा है जहां कार्यक्रम में उद्योगपतियों की सशरीर एवं डिजिटल मौजूदगी होगी।
विज्ञप्ति में कहा गया कि एरो इंडिया-21 का आयोजन भौतिक एवं डिजिटल दोनों तरीके से हो रहा है और स्टॉल भौतिक एवं डिजिटल तौर पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
बैठक में केंद्र और कर्नाटक सरकार के बीच निर्धारित भूमिकाएं एवं जिम्मेदारी के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।
बैठक में प्रधान रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, रक्षा उत्पादन विभाग के सचिव राजकुमार, कर्नाटक के मुख्य सचिव पी. रवि कुमार और रक्षा मंत्रालय एवं राज्य सरकार के कई अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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