हैदराबाद एमएलसी चुनावः 79 प्रतिशत मतदान, एआईएमआईएम और भाजपा में सीधा मुकाबला, 112 मतदाता, 88 ने डाला वोट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 23, 2025 23:10 IST2025-04-23T23:09:20+5:302025-04-23T23:10:12+5:30
Hyderabad MLC elections: 112 मतदाताओं में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के 81 पार्षद और 31 पदेन सदस्य (विधायक, सांसद और एमएलसी) शामिल हैं।

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Hyderabad MLC elections:तेलंगाना विधान परिषद के हैदराबाद स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र के लिए बुधवार को हुए चुनाव में लगभग 79 प्रतिशत मतदान हुआ, जहां असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक हुए मतदान में कुल 112 मतदाताओं में से 88 (78.57 प्रतिशत) ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। 112 मतदाताओं में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के 81 पार्षद और 31 पदेन सदस्य (विधायक, सांसद और एमएलसी) शामिल हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार इस चुनाव में 66 पार्षदों और 22 पदेन सदस्यों ने मतदान किया। मुकाबला भाजपा के एन गौतम राव और एआईएमआईएम उम्मीदवार मिर्जा रियाज उल हसन इफेंडी के बीच है। सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे। इन 112 में से एआईएमआईएम और भाजपा के पास चुनाव में क्रमशः 49 और 29 मतदाता माने जा रहे हैं।
भाजपा ने कांग्रेस और बीआरएस पर चुनाव से दूर रहकर एआईएमआईएम को चुनाव में मदद करने का आरोप लगाया है। पिछले कुछ दिन में हैदराबाद में कुछ जगहों पर हिंदुओं को संबोधित करते हुए बैनर लगाए गए थे, जिसमें जीएचएमसी के पार्षदों से अपने मताधिकार का उपयोग करने और एआईएमआईएम के खिलाफ वोट देने की अपील की गई थी, जो कथित तौर पर हिंदुओं का अपमान कर रही है।
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव ने कहा था कि उनकी पार्टी ने चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है क्योंकि उनके पास जीतने के लिए आवश्यक संख्या नहीं है। उन्होंने कहा था कि बीआरएस ने इसलिए चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है क्योंकि वह न तो भाजपा को वोट दे सकती है और न ही एआईएमआईएम को।
कांग्रेस के खिलाफ भाजपा के हमले पर आपत्ति जताते हुए सत्तारूढ़ पार्टी के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) वेंकट बालमूर ने कहा था कि भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं होने के बावजूद चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बालमूर ने आरोप लगाया था कि भाजपा धार्मिक वैमनस्य को बढ़ावा देकर राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश कर रही है। मतों की गिनती 25 अप्रैल को होगी।