हैदराबाद एनकाउंटरः निर्भया के परिजन और उन्नाव बलात्कार पीड़िता खुश, कहा-आरोपियों को सरेराह गोली से उड़ा दो
By भाषा | Published: December 6, 2019 04:53 PM2019-12-06T16:53:51+5:302019-12-06T16:53:51+5:30
पीड़िता के चाचा ने मुठभेड़ को जायज ठहराते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाई से बलात्कार जैसा जघन्य अपराध करने वालों में दहशत होगी क्योंकि अगर दहशत नहीं है तो ऐसे अपराध होते रहेंगे। चाचा ने कहा कि अगर हैदराबाद मुठभेड़ जैसी कार्रवाई नहीं की गयी तो बलात्कार करने वालों का मनोबल बढ़ा रहेगा।
राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली में जीवन के लिए संघर्ष कर रही बलात्कार पीड़िता के परिवार वालों को इस बात से खुशी है कि हैदराबाद बलात्कार मामले में आरोपी मुठभेड़ में मार गिराए गए।
वे उन्नाव प्रकरण में भी आरोपियों के लिए ऐसी ही सजा चाहते हैं। पीड़िता के पिता ने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि हैदराबाद में बलात्कार करने वालों को मुठभेड़ में मार गिराया गया। हम अपने मामले में भी ऐसा ही दंड चाहते हैं।
पीड़िता के चाचा ने मुठभेड़ को जायज ठहराते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाई से बलात्कार जैसा जघन्य अपराध करने वालों में दहशत होगी क्योंकि अगर दहशत नहीं है तो ऐसे अपराध होते रहेंगे। चाचा ने कहा कि अगर हैदराबाद मुठभेड़ जैसी कार्रवाई नहीं की गयी तो बलात्कार करने वालों का मनोबल बढ़ा रहेगा।
बलात्कार पीडि़ता के बिहार थानाक्षेत्र स्थित गांव के लोग भी हैदराबाद में हुई पुलिसिया कार्रवाई को सराह रहे हैं। गौरतलब है कि हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक का बलात्कार कर हत्या करने वाले चारों आरोपियों को पुलिस ने शुक्रवार सुबह मुठभेड़ में मार गिराया।
उधर दिल्ली के बहुचर्चित सामूहिक बलात्कार कांड की पीड़िता निर्भया के दादा लाल जी सिंह ने हैदराबाद पुलिस द्वारा बलात्कारियों को मुठभेड़ में मार गिराने के कदम की प्रशंसा करते हुए कहा है कि इस तरह के कदम से बलात्कारियों में भय उत्पन्न होगा व दरिंदगी की घटनाओं पर रोक लगेगी।
निर्भया के दादा ने शुक्रवार को बलिया स्थित अपने पैतृक गांव मेड़वार कला में पत्रकारों को बताया कि हैदराबाद पुलिस की कार्रवाई काबिले तारीफ है। उनके परिवार को इस कदम से सुकून मिला है। उन्होंने कहा कि देश में जिस तरह से हैवानियत की घटनाओं की बाढ़ आ गई है तथा दरिंदगी करने वाले जिस तरह से कानून की जटिलता का लाभ उठा रहे हैं, उसे देखते हुए ऐसे ही कदम की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि संसद को कानून बना देना चाहिए कि दरिंदगी के मामले में पुलिस अपराधियों को तत्काल मुठभेड़ में मार गिराये। इस मामले में पुलिस कार्रवाई पर किसी को भी सवाल नही उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी पौत्री के साथ सात साल पहले वीभत्स कांड हुआ। आज भी गुनहगारों को फांसी नही मिली। यदि गुनहगारों को फांसी हो गई होती तो देश के लोगों में इस तरह आक्रोश नहीं होता।