हैदराबाद मामलाः जानिए कब क्या-क्या हुआ, 27 नवंबर से लेकर 6 दिसंबर तक की कहानी
By भाषा | Published: December 6, 2019 05:43 PM2019-12-06T17:43:25+5:302019-12-06T17:43:25+5:30
साइबराबाद पुलिस आयुक्त सी वी सज्जनर ने यहां संवाददाताओं को बताया कि आरोपियों में एक मोहम्मद आरिफ ने सबसे पहले गोली चलायी। वारदात स्थल पर पुलिस की जो टीम उन्हें लेकर वहां गयी थी, उनपर भी ईंट-पत्थरों से हमला किया गया। उन्होंने कहा कि छीने गए हथियार 'अनलॉक' (फायरिंग के लिए तैयार) स्थिति में थे।
तेलंगाना पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि महिला पशु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के दो आरोपियों ने सुबह हथियार छीनने के बाद पुलिस पर गोलियां चलायी, जिसके बाद पुलिस ने ‘जवाबी’ गोलीबारी की।
साइबराबाद पुलिस आयुक्त सी वी सज्जनर ने यहां संवाददाताओं को बताया कि आरोपियों में एक मोहम्मद आरिफ ने सबसे पहले गोली चलायी। वारदात स्थल पर पुलिस की जो टीम उन्हें लेकर वहां गयी थी, उनपर भी ईंट-पत्थरों से हमला किया गया। उन्होंने कहा कि छीने गए हथियार 'अनलॉक' (फायरिंग के लिए तैयार) स्थिति में थे।
यहां महिला पशु चिकित्सक के साथ बलात्कार एवं हत्या के मामले का घटनाक्रम इस प्रकार है:
27 नवंबर: रात करीब साढ़े नौ बजे सरकारी अस्पताल में काम करने वाली 25 वर्षीय महिला पशुचिकित्सक लापता हो गई। वह शम्शाबाद इलाके के अपने घर से शाम पांच बज कर करीब 50 मिनट पर गचीबावली स्थित क्लीनिक के लिए रवाना हुई थी।
28 नवंबर: तड़के तीन बजकर 10 मिनट पर पशुचिकित्सक की बहन ने शम्शाबाद पुलिस को गुमशुदगी की शिकायत दी और कहा कि पीड़िता का दुपहिया वाहन पंक्चर हो गया था और कुछ और लोगों ने उनकी मदद करने की पेशकश की थी।
सुबह नौ बजे : राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर एक पुलिया से एक स्थानीय नागरिक को एक महिला का जला हुआ शव मिला। पुलिस ने परिवार को सूचित किया और शव की पहचान की गई।
29 नवंबर : साइबराबाद पुलिस ने चार आरोपियों -- मोहम्मद उर्फ आरिफ (26) जोल्लू शिवा (20), जोल्लू नवीन (20) और चिंताकुंता चेन्नकेशवुलु उर्फ चेन्ना (20)-- को गिरफ्तार किया। ये सभी नारायणपेट जिले के रहने वाले थे।
30 नवंबर : मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देर करने के आरोप में तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया। आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। शहर में प्रदर्शन होने लगे। आरोपियों को ले जा रही पुलिस की गाड़ी पर पथराव किया गया। आरोपियों को चेरलापल्ली केंद्रीय कारागार के उच्च सुरक्षा वाले एकान्त कारावास में रखा गया।
एक दिसंबर : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने मामले की तेजी से सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालत बनाने की घोषणा की और पीड़िता के परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
तीन दिसंबर: तेलंगाना सरकार ने मामले की तेजी से सुनवाई के लिए महबूबनगर की प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत को विशेष अदालत के तौर पर नामित किया।
चार दिसंबर : शादनगर की एक अदालत ने चारों आरोपियों को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा।
गोलीबारी की घटना जब हुई, उस समय आरोपियों के हाथों में हथकड़ी नहीं थी और यह घटना आज सुबह पांच बजकर 45 मिनट से सवा छह बजे के बीच हुई। मुठभेड़ का ब्यौरा देते हुए शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बरामद किए गए एक मोबाइल फोन और अन्य सामग्री के मद्देनजर आरोपियों के ‘कबूलनामे’ के आधार पर पुलिस टीम वहां उन्हें वहां लेकर गयी थी। उन्होंने कहा, ‘‘सभी चारों आरोपी एकसाथ हो गए, उन्होंने ईंट-पत्थर तथा अन्य चीजों से पुलिस दल पर हमला बोल दिया।
इसके बाद उन्होंने हमारे दो अधिकारियों से उनके हथियार छीन लिए और गोलीबारी की। ’’ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे अधिकारियों ने संयम रखा और उन्हें आत्मसमर्पण के लिए कहा। लेकिन, उन्होंने नजरअंदाज करते हुए गोलीबारी की और हमला करते रहे, इसके बाद हमारे लोगों ने जवाबी कार्रवाई की और इसमें चारों आरोपी मारे गए।’’
घायल हुए एक पुलिस उप निरीक्षक और एक कांस्टेबल के सिर तथा अन्य हिस्से में चोट आयी और उनका उपचार चल रहा है । सज्जनर ने कहा कि पुलिस प्रदेश के अन्य भागों व आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से इससे मिलते-जुलते मामलों का ब्योरा जुटा रही है ताकि इनमें चारों आरोपियों की किसी भूमिका का पता लगाया जा सके।