कार्यस्थल पर हास्य-विनोद से बढ़ती है सृजनात्मकता, कम होता है तनाव :पुस्तक
By भाषा | Published: December 3, 2020 04:30 PM2020-12-03T16:30:17+5:302020-12-03T16:30:17+5:30
नयी दिल्ली, तीन दिसंबर कार्यस्थल पर हास्य-विनोद से न सिर्फ सृजनात्मकता और समस्या का समाधान करने की क्षमता बढ़ती है, बल्कि यह दूसरों को भी प्रेरित करता है, तनाव दूर करता है तथा एक ऐसा माहौल बनाता है जिसमें सहकर्मी सुरक्षित एवं प्रसन्न महसूस करते हैं। एक नयी पुस्तक में यह दावा किया गया है।
जेनिफर आकेर और नाओमी बागडोनास ने ‘‘ह्यूमर,सीरियसली’’ शीर्षक वाली अपनी पुस्तक में वैज्ञानिकों, लोकप्रिय कॉमेडियन और प्रेरणा देने वाले कारोबार जगत के दिग्गज लोगों के निष्कर्षों के आधार पर इस बात का जिक्र किया है कि किस तरह से हास्य-विनोद अपना प्रभाव दिखाता है। पुस्तक का प्रकाशन पेंग्विन बिजनेस ने किया है।
जेनिफर और नाओमी स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस में ‘‘ह्यूमर:सीरियस बिजनेस’’ शीर्षक से एक पाठ्यक्रम का अध्यापन करते हैं।
उन्होंने यह प्रदर्शित किया है कि हास्य-विनोद का इस्तेमाल एक ऐसा माहौल बनाता है, जो जीवंत होता है और वहां सृजनात्मकता बढ़ती है।
लेखकों ने कहा है कि हास्य-विनोद को आज के समय में ज्यादातर कार्यस्थलों पर व्यापक रूप से महत्व नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह पुस्तक हमारे करियर, हमारे कामकाज और हमारे जीवन में इसके फायदों के बारे में बताने के लिए लिखी है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।