कश्मीरियों के लिए भारी परेशानी, पासपोर्ट पाने के लिए हजारों कश्मीरी सालों से कर रहे हैं पुलिस वेरिफिकेशन का इंतजार
By सुरेश एस डुग्गर | Published: March 10, 2023 01:29 PM2023-03-10T13:29:41+5:302023-03-10T14:57:48+5:30
कश्मीर में उन लोगों के लिए पासपोर्ट पाना बेहद मुश्किल भरा है क्योंकि जिनका कोई सगा संबधी आतंकी रहा हो या फिर आतंकी गतिविधियों से उसका रिश्ता रहा हो। उन्हें पासपोर्ट पाने के लिए नाकों चने चबाना पड़ रहा है।
जम्मू: कश्मीर के निवासियों के लिए पासपोर्ट हासिल करना आसान नहीं है। खासकर उन लोगों के लिए जिनका कोई सगा संबधी आतंकी रहा हो या फिर आतंकी गतिविधियों से उसका रिश्ता रहा हो। यही नहीं पत्थरबाजी में शामिल रहे और पत्थरबाजी के दौरान कैमरों की जद में आने वाले व्यक्तियों के लिए भी अब पासपोर्ट हासिल करना चांद पर जाने जैसा है।
हालांकि इस मुद्दे पर बढ़ते विवाद के बाद श्रीनगर के रीजनल पासपेार्ट अधिकारी देवेंद्र कुमार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि पासपोर्ट जारी करने के लिए नियमों के मुताबिक पुलिस वेरिफिकेशन पूरा होना एक जरूरी शर्त है और उसके बिना पासपोर्ट जारी नहीं किया जा सकता है।
यह सच है कि सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों कश्मीरी आज भी ऐसे हैं, जो पासपोर्ट पाने के लिए अभी भी लंबा इंतजार कर रहे हैं। सारे कश्मीरी पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की तरह रसूख वाले नहीं हैं कि पासपोर्ट हासिल करने के लिए सुप्रीमकोर्ट तक पहुंच सकें। महबूबा की 80 वर्षीय मां गुलशन नजीर को उस समय पासपोर्ट मिला था जब वह जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट पहुंची थी और अब महबूबा मुफ्ती को पासपोर्ट जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने का समय दिया है।
इस पूरे विवाद में बड़ी दिलचस्प बात है कि मुफ्ती परिवार को पासपोर्ट जारी करने वाले जांच अधिकारी ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि मुफ्ती परिवार को पासपोर्ट जारी करना देश की एकता और अखंडता के बहुत बड़े खतरे के समान है।
इससे पहले 31 जुलाई 2021 को सीआईडी विभाग की स्पेशल ब्रांच के एसएसपी द्वारा जारी आर्डर संख्या एसबीके/सीएस सुर्कलर/2021/589-600 ने उन आवेदकों की मुसीबतों को और बढ़ा दिया था, जिसमें पासपोर्ट वेरिफिकेशन करने वालों को सख्त हिदायत दी गई थी कि जांच के दौरान वे पत्थरबाजों के रिकॉर्ड को भी जांचें और पत्थरबाजी के दौरान कैमरों में दिखाई देने वाले नागरिकों की भी तह तक जांच करें।