HRD मंत्रालय पहुंचा जेएनयू छात्रों का प्रतिनिधिमंडल, उच्च स्तरीय कमेटी के सामने होगी शांतिपूर्ण समाधान पर चर्चा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 20, 2019 11:23 AM2019-11-20T11:23:08+5:302019-11-20T11:23:08+5:30
छात्र संघ ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) द्वारा गठित पैनल के सदस्यों से मिलने से इनकार कर दिया। एचआरडी ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों और प्रशासन के बीच मध्यस्थता और परिसर में सामान्य कामकाज बहाल करने के तरीके सुझाने के लिए इस पैनल का गठन किया है।
जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल मानव संसाधन विकास मंत्रालय पहुंच गया है। मंत्रालय ने छात्रों के साथ शांतिपूर्ण समाधान के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी के सामने छात्र अपनी बात रखेंगे। छात्र संघ ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) द्वारा गठित पैनल के सदस्यों से मिलने से इनकार कर दिया। एचआरडी ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों और प्रशासन के बीच मध्यस्थता और परिसर में सामान्य कामकाज बहाल करने के तरीके सुझाने के लिए इस पैनल का गठन किया है।
जेएनयूएसयू की घोष ने कहा, ‘‘हमें पता चला है कि रजिस्ट्रार ने हमारे और विश्वविद्यालय के बीच मध्यस्थता करने के लिए एचआरडी द्वारा गठित पैनल के सदस्यों से मिलने से इनकार कर दिया है। देखिए यह मनमानी है। जब वे सरकार के प्रतिनिधियों से मिलने से इनकार कर सकते हैं, तो उनसे हमसे बात करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है।’’
जेएनयू में फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर की गई कथित पुलिस कार्रवाई का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में गूंजा। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने छात्रों पर किये गये पुलिस के कथित बलप्रयोग का मुद्दा शून्यकाल के दौरान उठाते हुए कहा,‘‘यह दुखद है कि जेएनयू के छात्रों पर लाठियां चलाई गई हैं। हमारे यहां यह व्यवस्था है कि उच्च शिक्षा सरकारी खर्च पर मिले, ताकि गरीब बच्चे भी उच्च शिक्षा हासिल कर सके।’’
Delhi: A delegation of Jawaharlal Nehru University (JNU) students reach the Ministry of Human Resources Development (MHRD). The Ministry has appointed a high power committee for discussion with students and administration for peaceful resolution of all issues in the University. pic.twitter.com/PC6a2f98qe
— ANI (@ANI) November 20, 2019
इस पर लोकसभा अध्यक्ष (स्पीकर) ओम बिरला ने कहा, ‘‘आप देश को यह भी बताइये कि शुल्क पहले कितना था और अब कितना हो गया।’’ जिसपर, भाजपा के कई सदस्य भी स्पीकर की बात का समर्थन करते दिखें। कांग्रेस सदस्य टी एन प्रतापन ने भी शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘‘जेएनयू में सरकार आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। वह पुलिस लाठीचार्ज की दमनात्मक कार्रवाई की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं।’’
बसपा के कुंवर दानिश अली ने भी छात्रों पर पुलिस कार्रवाई का मुद्दा प्रश्नकाल और शून्यकाल के दौरान उठाने की कोशिश की। लेकिन शून्यकाल के दौरान स्पीकर ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी। जेएनयू के छात्रों ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था जिससे शहर के कई हिस्सों में जाम लग गया था। छात्रों ने हाल में की गई शुल्क वृद्धि के खिलाफ विरोध मार्च निकाला था। छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर में पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे छात्र संसद का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सोमवार को सड़कों पर उतरे थे।