Howdy Modi: पीएम नरेंद्र मोदी के साथ डोनाल्ड ट्रंप क्यों साझा करेंगे मंच, ये हैं असल वजहें!
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: September 22, 2019 06:04 PM2019-09-22T18:04:11+5:302019-09-22T18:04:11+5:30
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 'हाउडी मोदी' रोड शो मंच साझा करने का भी कार्यक्रम है। इसके पीछे कई कयास लग रहे हैं लेकिन ट्रंप का पीएम मोदी के कार्यक्रम में आना महज इत्तेफाक नहीं है, बल्कि ये कुछ वजहें हो सकती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी की हफ्तेभर की यात्रा पर हैं और रविवार उनके कार्यक्रम का खास दिन है। माना जा रहा है कि अमेरिका के इतिहास में पोप के अलावा पहली बार किसी विदेशी नेता की यह सबसे बड़ी जनसभा है। कार्यक्रम के मुताबिक अमेरिका के टेक्सास के ह्यूस्टन शहर में 'हाउडी मोदी' के नाम से रोड है। मजे की बात यह भी है पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मंच साझा करेंगे।
सूत्रों की मानें तो ट्रंप भारतीय अमेरिकी समुदाय को करीब आधा घंटा संबोधित भी करेंगे। आखिर क्या वजह है कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति ने भारतीय प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में इतनी दिलचस्पी ली? असल कारण खोजें तो दो मुख्य बातें सामने आती है। पहली कि अमेरिकी सियासी समीकरण साधने के लिए ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेने का फैसला किया और दूसरी वजह चीन के साथ व्यापार युद्ध में हुए नुकसान की भरपाई करना हो सकता है।
पिछले कार्यक्रमों के मुताबिक, पीएम मोदी विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। ऐसे में पीएम मोदी के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर डोनाल्ड ट्रंप न सिर्फ भारतीय अमेरिकी लोगों से रूबरू होंगे, बल्कि अगले वर्ष होने वाले चुनाव के लिए यह मुलाकात अपने लिए वोटों में तब्दील करने की संभावना भी रखेंगे। माना जा रहा है कि ट्रंप को इस कार्यक्रम से मतदाताओं का ध्यान खींचने की मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलेगी।
भारत दुनियाभर के सबसे बड़े बाजारों में से एक हैं और अमेरिकी कंपनियों और उत्पादों के लिए यह मायने रखता है। इस कार्यक्रम में शामिल होकर ट्रंप भारतीय प्रधानमंत्री के साथ न सिर्फ रिश्ता मजबूत करेंगे, बल्कि चीन के साथ हुए ट्रेड वॉर की तपिश को भारत के साथ व्यापारिक कूटनीतिक कदम उठाकर ठंडा कर सकेंगे।
'मोदी हाउडी' कार्यक्रम के लिए टेक्सास ही क्यों चुना गया?
भारतीय अमेरिकी लोगों की बड़ी आबादी टेक्सास में रहती है। टेक्सास में सबसे ज्यादा भारतीय अमेरिकी वाले शीर्ष दस शहरों की सूचि में ह्यूस्टन और डलास फोर्ट का नाम है।
इससे पहले भी पीएम मोदी अमेरिका के न्यूयॉर्क, सैन जोस और वॉशिंगटन डीसी जैसे शहरों में भारतीय अमेरिकी लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता का जलवा बिखेर चुके हैं। ये तीनों शहर भारतीय अमेरिकी आबादी के हिसाब से क्रमश: 1, 4 और पांचवें नंबर पर बताए जाते हैं।
'2016 पोस्ट इलेक्शन नेशनल एशियन अमेरिकन सर्वेक्षण' के मुताबिक, पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय अमेरिकी समुदाय ने ट्रंप के मुकाबले हिलेरी क्लिंटन को ज्यादा वोट दिए थे। मोदी के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेकर ट्रंप भारतीय अमेरिकी वोटरों का रुझान अपनी ओर खींचकर एकबार फिर से राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ना चाहेंगे।
पी रिसर्च सेंटर की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में 77 फीसदी भारतीय अमेरिकी समुदाय ने हिलेरी क्लिंटन, जबकि 16 फीसदी ने ट्रंप और सात प्रतिशत ने अन्य नेताओं को वोट दिए थे। एशियाई देशों के अमेरिकी लोगों के लिहाज से भी ट्रंप के हिस्से हिलेरी से कम वोट आए थे।
'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में ट्रंप के शामिल होने के पीछे एक वजह यह भी
इसके अलावा भी ट्रंप के इस कार्यक्रम में शामिल होने के पीछे कारण है। ह्यूटन में अमेरिकी अंतरिक्ष संस्थान नासा का इंटीग्रेटेड मिशन कंट्रोल सेंटर है, जिसे जॉनसन स्पेस सेंटर के नाम से जाना जाता है। यह सेंटर अमेरिका के मानव वाले अंतरिक्ष कार्यक्रमों का फ्लाइट कंट्रोल रखता है। इसका मतलब है कि नासा के चंद्र मिशन अपोलो 13 का ह्यूस्टन से सीधा संबंध है। शहर के अपोलो मिशन से जुड़े होने कारण यह ट्रंप के सियासी समीकरण के लिए भी मायने रखता है।