Howdy Modi: तो इसलिए ‘हाउडी मोदी’ मेगा शो के लिए ह्यूस्टन है अहम
By स्वाति सिंह | Published: September 22, 2019 08:03 PM2019-09-22T20:03:25+5:302019-09-22T20:03:25+5:30
Howdy Modi: ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम दोनों ही देशों के लिए बेहद अहम है। खबरों कि मानें तो इस कार्यक्रम के लिए ह्यूस्टन शहर चुना जाने की वजह यह बताई जा रही है क्योंकि ये टेक्सास का एक शहर है। यहां काफी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं। यह जगह टॉप 10 शहरों में शामिल हैं जहां भारतीय-अमेरिकी लोगों की संख्या अधिक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को ह्यूस्टन 50 हजार लोगों की विशाल भीड़ को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद रहेंगे। रविवार को ह्यूस्टन एनआरजी फुटबॉल स्टेडियम में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है।
रविवार को ह्यूस्टन एनआरजी फुटबॉल स्टेडियम में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। यहां रात 8: 30 बजे रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप का भाषण होगा। इस कार्यक्रम का समापन भारतीय समय के मुताबिक रात 11:30 बजे होगा। 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम का तीन भाषाओं-हिन्दी, अंग्रेजी और स्पैनिश भाषा लाइव प्रसारण किया जाएगा।
'हाउडी मोदी ' कार्यक्रम के लिए ह्यूस्टन है अहम
‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम दोनों ही देशों के लिए बेहद अहम है। खबरों कि मानें तो इस कार्यक्रम के लिए ह्यूस्टन शहर चुना जाने की वजह यह बताई जा रही है क्योंकि ये टेक्सास का एक शहर है। यहां काफी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं। यह जगह टॉप 10 शहरों में शामिल हैं जहां भारतीय-अमेरिकी लोगों की संख्या अधिक है।
भारतीय अमेरिकी लोगों की बड़ी आबादी टेक्सास में रहती है। टेक्सास में सबसे ज्यादा भारतीय अमेरिकी वाले शीर्ष दस शहरों की सूचि में ह्यूस्टन और डलास फोर्ट का नाम है। इससे पहले भी पीएम मोदी अमेरिका के न्यूयॉर्क, सैन जोस और वॉशिंगटन डीसी जैसे शहरों में भारतीय अमेरिकी लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता का जलवा बिखेर चुके हैं। ये तीनों शहर भारतीय अमेरिकी आबादी के हिसाब से क्रमश: 1, 4 और पांचवें नंबर पर बताए जाते हैं।
'2016 पोस्ट इलेक्शन नेशनल एशियन अमेरिकन सर्वेक्षण' के मुताबिक, पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय अमेरिकी समुदाय ने ट्रंप के मुकाबले हिलेरी क्लिंटन को ज्यादा वोट दिए थे। मोदी के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेकर ट्रंप भारतीय अमेरिकी वोटरों का रुझान अपनी ओर खींचकर एकबार फिर से राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ना चाहेंगे।
पी रिसर्च सेंटर की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में 77 फीसदी भारतीय अमेरिकी समुदाय ने हिलेरी क्लिंटन, जबकि 16 फीसदी ने ट्रंप और सात प्रतिशत ने अन्य नेताओं को वोट दिए थे। एशियाई देशों के अमेरिकी लोगों के लिहाज से भी ट्रंप के हिस्से हिलेरी से कम वोट आए थे।
सूत्रों की मानें तो ट्रंप भारतीय अमेरिकी समुदाय को करीब आधा घंटा संबोधित भी करेंगे। आखिर क्या वजह है कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति ने भारतीय प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में इतनी दिलचस्पी ली? असल कारण खोजें तो दो मुख्य बातें सामने आती है। पहली कि अमेरिकी सियासी समीकरण साधने के लिए ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेने का फैसला किया और दूसरी वजह चीन के साथ व्यापार युद्ध में हुए नुकसान की भरपाई करना हो सकता है।
पिछले कार्यक्रमों के मुताबिक, पीएम मोदी विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। ऐसे में पीएम मोदी के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर डोनाल्ड ट्रंप न सिर्फ भारतीय अमेरिकी लोगों से रूबरू होंगे, बल्कि अगले वर्ष होने वाले चुनाव के लिए यह मुलाकात अपने लिए वोटों में तब्दील करने की संभावना भी रखेंगे। माना जा रहा है कि ट्रंप को इस कार्यक्रम से मतदाताओं का ध्यान खींचने की मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलेगी।
भारत दुनियाभर के सबसे बड़े बाजारों में से एक हैं और अमेरिकी कंपनियों और उत्पादों के लिए यह मायने रखता है। इस कार्यक्रम में शामिल होकर ट्रंप भारतीय प्रधानमंत्री के साथ न सिर्फ रिश्ता मजबूत करेंगे, बल्कि चीन के साथ हुए ट्रेड वॉर की तपिश को भारत के साथ व्यापारिक कूटनीतिक कदम उठाकर ठंडा कर सकेंगे।