उत्तर प्रदेश की अदालतों में सुरक्षा उपलब्ध कराने में कितना समय लगेगा: उच्च न्यायालय
By भाषा | Published: November 25, 2021 10:06 PM2021-11-25T22:06:03+5:302021-11-25T22:06:03+5:30
प्रयागराज, 25 नवंबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि राज्य की अदालतों में सुरक्षा, बायोमीट्रिक और सीसीटीवी कैमरे के संबंध में व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने में कितना समय लगेगा।
न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति समित गोपाल की पीठ वर्ष 2019 में बिजनौर की जिला अदालत में हुई गोलीबारी की घटना के बाद दायर इस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को यह बताने के लिए कि आजमगढ़ और लखनऊ की अदालत में बायोमीट्रिक कब तक लगाकर उसे क्रियाशील कर दिया जाएगा, सरकारी अधिवक्ता को एक सप्ताह का समय दिया। सुनवाई की पिछली तारीख पर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल कर प्रत्येक जिला अदालत में तैनात सुरक्षा कर्मी और सुरक्षाकर्मी के वास्तविक मंजूर पद के बारे में बताने को कहा था।
इससे पूर्व, सितंबर 2021 में उच्च न्यायालय ने पाया था कि राज्य सरकार ने 20 फरवरी, 2020 से लंबित वित्तीय मंजूरी की वजह से निचली अदालतों में वकीलों और वादियों के लिए गेट ऑटोमेशन, बायोमीट्रिक प्रणाली और गेट पास के संबंध में कोई प्रगति नहीं की है।
20 दिसंबर, 2019 और दो जनवरी, 2020 के अपने आदेश के जरिए उच्च न्यायालय ने अदालत परिसरों में पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख दो दिसंबर, 2021 तय की है।
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