हम कैसे रोक सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने सड़क पर चल रहे प्रवासी मजूदरों के मसले पर कहा

By निखिल वर्मा | Published: May 15, 2020 01:34 PM2020-05-15T13:34:40+5:302020-05-15T14:38:54+5:30

कोरोना वायरस महामारी संकट की वजह से हुए लॉकडाउन के चलते सबसे ज्यादा तकलीफ प्रवासी मजदूरों को उठानी पड़ी है.

‘How can we stop it?’: Supreme Court on plea to halt migrant workers’ movement on roads | हम कैसे रोक सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने सड़क पर चल रहे प्रवासी मजूदरों के मसले पर कहा

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsपैदल जा रहे हैं कई प्रवासी मजदूर विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए हैं.इसके अलावा औरंगाबाद में रेलवे पटरी पर सो रहे 16 श्रमिकों की मौत मालगाड़ी द्वारा कुचलने से हो गई

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि देश में प्रवासी कामगारों की आवाजाही की निगरानी करना या इसे रोकना अदालतों के लिये असंभव है और इस संबंध में सरकार को ही आवश्यक कार्रवाई करनी होगी। केन्द्र ने शीर्ष अदालत से कहा कि देश भर में इन प्रवासी कामगारों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिये सरकार परिवहन सुविधा मुहैया करा रही है लेकिन उन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान पैदल ही चल देने की बजाये अपनी बारी का इंतजार करना होगा। 

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने रास्ते में फंसे कामगारों की पहचान कर उनके लिये खाने और आवास की व्यवस्था करने का सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देने हेतु दायर आवेदन पर विचार करने से इंकार कर दिया। इस मामले की वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश सालिसीटर जनरल तुषार मेहता से जानना चाहा कि क्या इन कामगारों को सड़कों पर पैदल ही चलने से रोकने का कोई रास्ता है। 

मेहता ने कहा कि राज्य इन कामगारों को अंतरराज्यीय बस सेवा उपलब्ध करा रहे हैं लेकिन अगर लोग परिवहन सुविधा के लिये अपनी बारी का इंतजार करने की बजाये पैदल ही चलना शुरू कर दें तो कुछ नहीं किया जा सकता है। मेहता ने कहा कि राज्य सरकारों के बीच समझौते से प्रत्येक व्यक्ति को अपने गंतव्य तक यात्रा करने का अवसर मिलेगा। 

इस मामले में याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने हाल ही में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में राजमार्ग पर हुयी सड़क दुर्घटनाओं में श्रमिकों के मारे जाने की घटनाओं की ओर पीठ का ध्यान आकर्षित किया। पीठ ने सवाल किया, ‘‘हम इसे कैसे रोक सकते है?’’ 

पीठ ने कहा कि राज्यों को इस मामले में उचित कार्रवाई करनी चाहिए। पीठ ने कहा कि वह इस आवेदन पर विचार करने की इच्छुक नहीं है। साथ ही उसने टिप्पणी की कि अदालतों के लिये सड़कों पर चल रहे व्यक्तियों की निगरानी करना असंभव है। श्रीवास्तव ने प्रवासी कामगारों की कठिनाईयों से संबंधित निस्तारित की जा चुकी जनहित याचिका में औरंगाबाद के निकट रेलवे लाइन पर 16 श्रमिकों के एक मालगाड़ी से कुचले जाने की घटना के तुरंत बाद यह आवेदन दायर किया था। 

Web Title: ‘How can we stop it?’: Supreme Court on plea to halt migrant workers’ movement on roads

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