बागी विधायकों की सुरक्षा के लिए गुवाहाटी में होटल की सुरक्षा की गई कड़ी, मणिपुर शिवसेना प्रमुख को शिंदे गुट से मिलने से रोका गया
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 27, 2022 06:58 PM2022-06-27T18:58:14+5:302022-06-27T19:01:39+5:30
महाराष्ट्र की सियासत में मची उठा-पटक के बीच सोमवार को असम सरकार ने रैडिसन ब्लू होटल गुवाहाटी की सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी कर दी है। इसी बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि शिंदे से मिलने के लिए मणिपुर के शिवसेना प्रमुख एम तोम्बी सिंह होटल पहुंचे तो उन्हें होटल में घुसने ही नहीं दिया और वो बागी विधायकों से मिले बिना बैरंग ही वापस लौट गये।
गुवाहाटी: सत्ता के संघर्ष में शिवसेना लगातार हाथ-पैर मार रही है कि किसी तरह से बागी एकनाथ शिंदे गुट के कुछ विधायकों को तोड़कर वापस अपने पाले में लगाया जाए। इसके लिए शिवसेना लगातार साम, दाम, दंड और भेद का प्रयोग कर रही है। वहीं शिंदे गुट के नेता इकट्ठे होकर उद्धव ठाकरे को लगातार चुनौती दे रहे हैं।
उठा-पटक के इसी खेल में सोमवार को असम सरकार ने रैडिसन ब्लू होटल गुवाहाटी की सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी कर दी है। इसी होटल में बैठकर एकनाथ शिंदे दिल्ली से महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल ला रहे हैं। इस बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे से मिलने के लिए पड़ोसी राज्य मणिपुर के शिवसेना प्रमुख एम तोम्बी सिंह मिलने पहुंचे लेकिन होटल के बाहर मौजूद पुलिसवालों ने उन्हें होटल में घुसने ही नहीं दिया और वो बागी विधायकों से मिले बिना बैरंग ही वापस लौट गये।
एम तोम्बी सिंह ने होटल के बाहर मौजूद पत्रकारों से कहा कि वो एकनाथ शिंदे समेत बागी विदायकों से मिलकर उनसे अपील करना चाहते हैं कि वो पार्टी को तोड़ने का काम न करें। इसके साथ ही सिंह ने इस बात का भी दावा किया कि होटल में आने से पहले वो “मुंबई के संपर्क” में थे।
वहीं मणिपुर के शिवसेना प्रमुख एम तोम्बी सिंह के होटने में प्रवेश न दिय जाने के मामले में सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि होटल में आगंतुकों के लिए बीते 22 जून से प्रवेश प्रतिबंधित है। इसके अलावा शिवसेना के बागी विधायक जैसे ही सूरत से गुवाहाटी पहुंचे हैं, सोमवार की सुबह एक रजिस्टर रखा गया है, जिसमें बाकायदा दर्ज किया जा रहा है कि होटल में बाहर से कौन-कौन आ रहा है और कौन-कौन जा रहा है।
यही नहीं पुलिस होटल का गेट खोलने से सभी से नाम और पता भी पूछ रही है। इसके अलावा आगंतुकों के वाहनों के रजिस्टर्ड नंबर को भी नोट किया जा रहा है। सख्ती इस कदर है कि अंदर जाने से पहले होटल के भी सबी कर्मचारियों की पहचान सुनिश्चित की जा रही है।
इस मामले में एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “हम रजिस्टर में सभी आने और जाने वालों की सारी जानकारी नोट कर रहे हैं। हमें नहीं पता कि इसे अचानक क्यों शुरू किया गया है। यह आदेश उपर से आया है और हम वही कर रहे हैं जो हमें बताया गया है।”
इसके अलावा मिल जानकारी के मुताबिक असम पुलिस के स्पेशल डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह सुबह से ही होटल के अंदर हैं, जबकि गुवाहाटी के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर पार्थ सारथी महंत दोपहर में होटल पहुंचे हैं। इसके अलावा राज्य पुलिस के कई आईपीएस अधिकारी भी समय-समय पर होटल का चक्कर लगा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के सीईओ ज्ञानेंद्र त्रिपाठी होटल पहुंचे थे और उनके अलावा होटल में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता के बोर्ड वाली एक कार ने होटल में प्रवेश किया था, जो करीब दो घंटे बाद होटल से निकली। असम सरकार के यह अधिकारी होटल में क्यों आए, इस बात की जानकारी किसी को नहीं है।
शिवसेना की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष एम तोम्बी सिंह ने पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद कहा कि ‘मैं महाराष्ट्र की राजनीतिक संकट को खत्म करने के लिए यहां आया था और एकनाथ शिंदे से मिलकर अपील करने वाला था कि वो शिवसेना में वापस लौट जाएं लेकिन मुझे होटल में प्रवेश नहीं दिया गया।”
मालूम हो कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागी विधायकों के एक बड़े समूह को 21 जून को मुंबई से सूरत ले जाया गया और फिर उसके अगले दिन सभी को गुवाहाटी ले जाया गया। जहां शिंदे और उनके समर्थक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एनसीपी और कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए दबाव बना रहे हैं। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)