बिहार: अस्पताल ने नहीं करवाई एंबुलेंस उपलब्ध, पिता ने बेटी का शव कंधे पर लादकर रेवले स्टेशन पहुंचाया

By एस पी सिन्हा | Published: October 15, 2018 07:38 PM2018-10-15T19:38:07+5:302018-10-15T19:38:07+5:30

प्राप्त जानकारी के अनुसार, झाझा रेफरल अस्पताल से तेजु मोहली लाश को लेकर झाझा रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां से एक पैसेंजर ट्रेन पर चढ़कर टेलवा आए।

hospital Denied ambulance, man walks home carrying daughter's body in bihar | बिहार: अस्पताल ने नहीं करवाई एंबुलेंस उपलब्ध, पिता ने बेटी का शव कंधे पर लादकर रेवले स्टेशन पहुंचाया

बिहार: अस्पताल ने नहीं करवाई एंबुलेंस उपलब्ध, पिता ने बेटी का शव कंधे पर लादकर रेवले स्टेशन पहुंचाया

बिहार में स्वास्थ्य विभाग सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला जिले के सिमुलतला थानाक्षेत्र स्थित टेलवा पंचायत के गादीटेलवा का है। जहां एंबुलेंस नहीं मिलने पर एक पिता 12 वर्ष की बच्ची की लाश कांधे पर डालकर रेलवे स्टेशन पहुंचा। जमुई के झाझा रेफरल अस्पताल प्रबंधन की अमानवीयता उस समय सामने आई जब इलाज के दौरान नाबालिग बच्ची की मौत के बाद लाश को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं कराई गई। 
 
प्राप्त जानकारी के अनुसार, झाझा रेफरल अस्पताल से तेजु मोहली लाश को लेकर झाझा रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां से एक पैसेंजर ट्रेन पर चढ़कर टेलवा आए। पैसे नहीं होने की वजह से टेलवा स्टेशन पर उतरने के बाद वह बेटी की लाश को लेकर रविवार की सुबह पंचायत के मुखिया के घर पर गए। मुखिया ने कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत उसे तीन हजार रुपए दिए। पैसे मिलने के बाद पुन: तेजू मोहली बेटी की लाश को कंधे पर उठाकर घर पहुंचा। 

बताया जाता है कि गादी टेलवा निवासी तेजु मोहली की 12 वर्षीय बेटी बबिता कुमारी 10-12 दिनों से बीमार चल रही थी। स्थानीय डॉक्टरों से इलाज करने के बाद जब स्थिति नहीं सुधरी तो शनिवार को बेहतर इलाज के लिए बबीता को रेफर अस्पताल झाझा लाया। 
तेजु का आरोप है कि झाझा रेफर अस्पताल में उसकी बेटी की कोई सुध नहीं ली गई। घंटों बाद जैसे-तैसे कुछ दवा दी गई। अंतत: बच्ची की मौत शनिवार की देर रात हो गई। इस बाबत झाझा रेफर अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर सदाब हुसैन ने कहा कि बच्ची का उपचार किया गया। दवाएं भी दी गई, लेकिन बच्ची के पिता बच्ची को लेकर कहां चले गए पता ही नहीं चला। 

जिला स्वास्थ्य प्रबंधक सुधांशु नारायण लाल ने कहा कि अस्पताल में किसी की मौत होने जाने पर शव को घर तक पहुंचाने की जिम्मेवारी अस्पताल प्रशासन की होती है। वहीं सीएस जमुई श्याम मोहन दास कहते हैं की घटना की जांच की जायेगी। 

जमुई के डीएम धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि मामला अभी संज्ञान में नहीं आया है सिविल सर्जन से बात कर पूरे मामले की जानकारी ले लेते हैं। मामला गंभीर है यदि इसमें किसी स्तर से लापरवाही की गई है तो दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। 

Web Title: hospital Denied ambulance, man walks home carrying daughter's body in bihar

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :Biharबिहार