कोरोना मरीज को कोई अस्पताल उपचार के लिए नहीं करेगा मना, ऐसा कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य दिल्ली

By एसके गुप्ता | Published: May 25, 2020 06:08 PM2020-05-25T18:08:09+5:302020-05-25T18:08:09+5:30

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक प्राइवेट अस्पताल की शिकायत मिली है कि वहां भर्ती एक मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। मरीज का टेस्ट किया गया और दो दिन बाद उसकी रपट कोरोना पॉजिटिव आ गई। इस पर अस्पताल ने रोगी को कहा कि आप कोविड-रोगी हैं, हम आपका इलाज नहीं करेंगे। अपना बैड ढूंढ लीजिए। 

hospital can't refuse to treat Corona patients, Delhi first state in country to enact | कोरोना मरीज को कोई अस्पताल उपचार के लिए नहीं करेगा मना, ऐसा कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य दिल्ली

दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में 677 बैड हैं इन पर 509 पर रोगियों का उपचार चल रहा है।

Highlightsकोरोना मरीज को कोई अस्पताल उपचार के लिए मना नहीं करेगा।केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कुल 3829 बैड हैं, इनमें से 3164 बैड ऑक्सीजन सुविधा से लैस हैं।

नई दिल्ली: देश में कोरोना के बढ़ रहे मरीजों के बीच दिल्ली ऐसा पहला राज्य बना गया है, जहां कोरोना रोगी के अस्पताल पहुंचने पर अस्पताल को जिम्मेदार और जवाबदेह बनाया गया है। कोरोना मरीज को कोई अस्पताल उपचार के लिए मना नहीं करेगा। अगर जांच में किसी रोगी को कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो यह अस्पताल की जिम्मेदारी होगी कि वह उसे कोविड उपचार के लिए अपने यहां या अन्य सरकारी या फिर प्राइवेट अस्पताल में कोविड उपचार के लिए बिस्तर उपलब्ध कराए।  

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को सोशल मीडिया पर लाइव संवाद में जानकारी देते हुए कहा कि अगर कोई अस्पताल अगर कोविड-19 रोगी के उपचार की मनाही करेगा या रोगी को दूसरे अस्पताल में बिस्तर उपलब्ध नहीं कराएगा तो सरकार उसके विरूद्ध कार्यवाही करेगी।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक प्राइवेट अस्पताल की शिकायत मिली है कि वहां भर्ती एक मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। मरीज का टेस्ट किया गया और दो दिन बाद उसकी रपट कोरोना पॉजिटिव आ गई। इस पर अस्पताल ने रोगी को कहा कि आप कोविड-रोगी हैं, हम आपका इलाज नहीं करेंगे। अपना बैड ढूंढ लीजिए। 

केजरीवाल ने कहा कि रोगी अपना बैड कहां ढूंढेगा, रोगी कहां जाएगा? दिल्ली सरकार ने न केवल ऐसा करने वाले अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए यह पूछा है कि क्यों न आपका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए बल्कि सभी अस्पतालों को यह निर्देश जारी किए हैं कि कोई भी अस्पताल कोरोना रोगी को उपचार से मना नहीं करेगा। अगर किसी अस्पताल में कोई रोगी आता है और वह कोरोना पॉजिटिव निकलता है तो उस अस्पताल की यह जिम्मेदारी होगी कि वह कोरोना रोगी को एम्बुलेंस में बिठाकर किसी प्राइवेट या सरकारी अस्पताल में कोरोना उपचार के लिए बैड दिलाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अस्पतालों को चेतावनी दी है कि वह किसी भी रोगी को उसके हाल पर उसे ऐसे नहीं छोड़ सकते हैं।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कुल 3829 बैड हैं, इनमें से 3164 बैड ऑक्सीजन सुविधा से लैस हैं। अस्पतालों में उपलब्ध इन बिस्तरों में से 1438 पर ही रोगी उपचाराधीन हैं। बाकी बिस्तर खाली हैं। सरकारी अस्पतालों में कुल 250 वैंटीलेटर हैं और 11 पर रोगी उपचाराधीन हैं बाकी 240 खाली हैं। 

दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में 677 बैड हैं इन पर 509 पर रोगियों का उपचार चल रहा है। दिल्ली के 117 प्राइवेट अस्पतालों को अपने यहां 20 फीसदी बिस्तर बढाने के लिए कहा गया है। जिससे कोरोना रोगियों का उपचार हो सके। ऐसे में दिल्ली के अंदर सरकारी और प्राइवेट कुल मिलाकर 4500 बिस्तर हैं। जिनमें से 2500 बिस्तर खाली हैं। उन्होंने दिल्ली वासियों से कहा कि कोरोना उपचार को लेकर चिंतित न हों, सरकार हर तरह से लोगों को उपचार कराने की व्यवस्था कर रही है।

Web Title: hospital can't refuse to treat Corona patients, Delhi first state in country to enact

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