'ऑनर किलिंग' को संज्ञेय अपराध बनाया जाएगा : केंद्र

By IANS | Published: March 7, 2018 08:38 PM2018-03-07T20:38:12+5:302018-03-07T20:38:12+5:30

केंद्र ने हालांकि न्यायालय से कहा कि अभी इस कानून के लंबित होने कारण वह पुलिस को उन युगलों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए तत्काल निर्देश दे सकता है जिन्होंने अपने मन से शादी करने का निर्णय लिया है या जो शादी कर चुके हैं।

'Honor Killing' will be made cognizable offense: Center | 'ऑनर किलिंग' को संज्ञेय अपराध बनाया जाएगा : केंद्र

'ऑनर किलिंग' को संज्ञेय अपराध बनाया जाएगा : केंद्र

नई दिल्ली, 7 मार्च: केंद्र ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि वह 'ऑनर किलिंग' (तथाकथित सम्मान के नाम पर हत्या) को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाने वाला एक कानून लाने जा रहा है जिससे तत्काल पुलिस कार्रवाई हो और दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला तुरंत शुरू हो सके। केंद्र ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की खंडपीठ को बताया कि प्रस्तावित 'वैवाहिक गठबंधन की स्वतंत्रता के साथ हस्तक्षेप का निषेध विधेयक' पर 23 राज्यों ने अपने विचार भेजे हैं।

अदालत को बताया गया कि अन्य राज्यों को भी जल्द से जल्द अपने विचार भेजने के लिए कहा गया है। केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि कानून व्यवस्था राज्य सरकार के अंतर्गत आने के कारण राज्यों से राय मांगी गई है।

केंद्र ने हालांकि न्यायालय से कहा कि अभी इस कानून के लंबित होने कारण वह पुलिस को उन युगलों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए तत्काल निर्देश दे सकता है जिन्होंने अपने मन से शादी करने का निर्णय लिया है या जो शादी कर चुके हैं।

केंद्र ने कहा, "पुलिस को ऐसे युगलों को सुरक्षा आवासों में रखकर या किसी अन्य तरीके से उनकी जान की रक्षा करनी होगी।" केंद्र ने न्यायालय से आग्रह किया कि वह ऐसे युगलों की शिकायत दर्ज करने के लिए प्रत्येक जिले में विशेष सेल स्थापित करने का निर्देश दें।

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) शक्ति वाहिनी की उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा जिसके तहत एनजीओ ने 'ऑनर किलिंग' की घटनाओं को रोकने, खाप पंचायतों द्वारा मानवाधिकारों का उल्लंघन तथा शादी करने के इच्छुक वयस्कों के सम्मान की रक्षा करने के लिए कहा था।

न्यायालय ने जोर दिया कि जाति, पंथ या धर्म कोई भी हो, अगर दो वयस्कों ने विवाह करने का निर्णय लिया है तो कोई तीसरा पक्ष इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता। न्यायालय ने पांच फरवरी को कहा था कि खाप पंचायतें समाज के विवेक रक्षक की तरह काम नहीं कर सकतीं।

Web Title: 'Honor Killing' will be made cognizable offense: Center

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे