दिल्ली के बजट को गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी, केजरीवाल सरकार ने लगाया था रोकने का आरोप, कल हो सकता है पेश
By विनीत कुमार | Published: March 21, 2023 03:00 PM2023-03-21T15:00:40+5:302023-03-21T15:17:21+5:30
दिल्ली का बजट बुधवार को पेश किया जा सकता है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट को मंजूरी दे दी है। इसे आज ही पेश होना था लेकिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से इसे मंजूरी नहीं दी गई थी।
नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पर तनातनी के बाद आखिरकार गृह मंत्रालय ने इसे मंजूरी दे दी है। इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केजरीवाल सरकार की ओर से भेजे गए बजट के प्रस्ताव पर फिर से विचार करने की बात कहकर लौटा दिया था।
इसके बाद आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर दिल्ली के काम में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाया था। दिल्ली का बजट पहले के कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को पेश होना था। हालांकि, कल शाम ही 'आप' सरकार की ओर से इसे उपराज्यपाल की ओर से मंजूरी नहीं दिए जाने के आरोप लगाए गए थे।
माना जा रहा है कि अब बुधवार को दिल्ली का बजट विधानसभा में पेश किया जा सकता है। दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने मंगलवार सुबह कहा था कि गृह मंत्रालय की मंजूरी के लिए बजट फाइल प्रत्यक्ष और ईमेल दोनों के माध्यम से भेजी गई है।
अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी के नाम लिखी थी चिट्ठी
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूरे मामले पर विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी और कहा था कि प्लीज बजट मत रोकिए। उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा, 'आप हम दिल्ली वालों से क्यों नाराज हैं? देश के 75 साल के इतिहास में पहली बार किसी राज्य का बजट रोका गया हैं। दिल्ली वाले आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे हैं कि हमारा बजट पास कर दीजिए।'
दूसरी ओर गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने 'आप' सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था क्योंकि बजट प्रस्ताव में विज्ञापन के लिए ज्यादा आवंटन और बुनियादी ढांचे और अन्य विकास पहलों के लिए अपेक्षाकृत कम राशि आवंटित की गई है।
वहीं, दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने केंद्र पर निशाना साधते हुए इसे सरकार को काम करने से रोकने की कोशिश करार दिया था। गहलोत ने कहा था, 'एक निर्वाचित मुख्यमंत्री, कैबिनेट, मंत्री होने का क्या मतलब है अगर वे बजट भी पारित नहीं कर सकते हैं? यह सरकार को काम करने से रोकने और लोगों को परेशान करने का प्रयास है।'