कश्मीर का हिस्सा पाक को आपने दिया... उस भूल की सजा लोग भुगत रहे हैंः शाह
By सतीश कुमार सिंह | Published: June 28, 2019 03:55 PM2019-06-28T15:55:05+5:302019-06-28T15:55:05+5:30
गृहमंत्री ने सवाल किया, ‘धर्म के आधार पर देश के विभाजन की गलती किसने की, देश का विभाजन हमने नहीं किया, तब नेहरू ने सीजफायर किया था। कश्मीर का हिस्सा पाक को आपने दिया... उस भूल की सजा लोग भुगत रहे हैं। उस भूल के कारण लाखों लोग मरे।’ नेहरू का नाम लेने पर लोकसभा में हंगामा शुरू हो गया।
गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में एक सांविधिक संकल्प पेश किया, जिसमें जम्मू- कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि को छह महीने बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा उन्होंने जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक भी चर्चा एवं पारित होने के लिये पेश किया। इसको लेकर संसद में जमकर हंगामा हुआ। संसद में भाजपा और कांग्रेस में जमकर विरोध हुआ।
गृहमंत्री ने सवाल किया, ‘धर्म के आधार पर देश के विभाजन की गलती किसने की, देश का विभाजन हमने नहीं किया, तब नेहरू ने सीजफायर किया था। कश्मीर का हिस्सा पाक को आपने दिया... उस भूल की सजा लोग भुगत रहे हैं। उस भूल के कारण लाखों लोग मरे।’ नेहरू का नाम लेने पर लोकसभा में हंगामा शुरू हो गया।
HM Amit Shah: Who called for ceasefire back then? It was Jawaharlal Nehru who did it and gave that portion(PoK) to Pakistan. You say we don't take ppl into confidence, but Nehru ji did it without taking the then HM into confidence. So Manish(Tewari) ji don't teach us history pic.twitter.com/WPH9qS6ASL
— ANI (@ANI) June 28, 2019
गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा, 'विशिष्ट परिस्थिति के कारण राष्ट्रपति शासन का समय बढ़ाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति कांग्रेस के बार-बार धारा 356 के दुरुपयोग के कारण हुई है।' गृहमंत्री ने कहा, ‘ 356 का इस्तेमाल राजनीति नहीं है। 132 बार लागू धारा 356 का 92 बार इस्तेमाल कांग्रेस राज में हुआ। नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंक के लिए जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को अपनाया है और मुझे यकीन है कि हमारी जनता के सहयोग से हम इसे पाने में सफल रहेंगे।’
गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि आज तक जमात-ए-इस्लामी को बैन क्यों नहीं किया, आप किसे खुश करना चाहते थे? जमात-ए-इस्लामी को बैन भाजपा सरकार ने किया। जेकेएलएफ को बैन भाजपा ने किया। गृहमंत्री ने आगे कहा, 'जमात- ए- इस्लामी पर प्रतिबंध लगाया गया। आतंकियों की मदद करने वालों को प्रीवेंटिव कस्टडी में डाला गया। प्रशिक्षण कैंपों पर लगाम लगाया गया।'
Home Minister Amit Shah in Lok Sabha: Why wasn't Jamaat-e-Islami banned till date? Who did you want to please? It was BJP govt that banned Jamaat-e-Islami. Who put the ban on JKLF? It was BJP who did it. pic.twitter.com/g0j1e35zKm
— ANI (@ANI) June 28, 2019
बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने आज जम्मू कश्मीर से संबंधित दो प्रस्ताव- जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने व आरक्षण संशोधन प्रस्ताव पेश किया। साथ ही उन्होंने राज्य में चुनाव को लेकर कहा कि रमजान और अमरनाथ यात्रा को देखते हुए चुनाव इस वर्ष के अंत तक कराने की तैयारी है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि यह सभा जम्मू कश्मीर राज्य के संबंध में राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत जारी 19 दिसंबर 2018 की उद्घोषणा के प्रवर्तन को 3 जुलाई 2019 से और छह महीने की अवधि के लिये आगे जारी रखने का अनुमोदन करती है।
अमित शाह ने कहा ‘‘जम्मू कश्मीर में अभी विधानसभा अस्तित्व में नहीं है इसलिए मैं यह विधेयक लेकर आया हूं कि 6 माह के लिए और राष्ट्रपति शासन को बढ़ाया जाए ।’’ उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने पहले जम्मू-कश्मीर प्रशासन, केंद्र सरकार और सभी राजनीतिक दलों से चर्चा कर निर्णय लिया है कि इस साल के अंत में ही वहां चुनाव कराना संभव हो सकेगा।
यह गृह मंत्री के रूप में अमित शाह द्वारा सदन में पेश पहला प्रस्ताव है । उल्लेखनीय है कि राज्य में राज्यपाल शासन जून 2018 में लगाया गया था जब भाजपा ने प्रदेश में गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था और पीडीपी नीत सरकार अल्पमत में आ गई थी । दिसंबर 2018 में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था ।