कमला हैरिस की जीत के जश्न में डूबे तमिलनाडु के उनके पुश्तैनी गांव
By भाषा | Published: November 8, 2020 08:45 PM2020-11-08T20:45:16+5:302020-11-08T20:45:16+5:30
तिरुवरुर (तमिलनाडु), आठ नवंबर अमेरिका में कमला हैरिस के पहली महिला उप राष्ट्रपति चुने जाने पर तमिलनाडु के उनके पुश्तैनी गांवों में खुशी और उल्लास का माहौल है और यहां दिवाली से पहले ही इस मौके पर पटाखे फोड़े गए और मिठाइयां बांटी गईं।
तिरुवरुर जिले के थुलासेंद्रापुरम और पैंगनाडु गांवों में लोग 'अपने घर की महिला' की जीत की खुशियां मना रहे हैं।
उनके नाना-नानी के पैतृक गांवों के लोग बेसब्री से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे थे और जैसे ही जो बाइडेन के डोनाल्ड ट्रंप को हराने की खबर आई, यह स्पष्ट हो गया कि कमला हैरिस उप राष्ट्रपति बनने जा रही हैं।
इन गांवों के लोगों ने हैरिस की जीत के लिए विशेष पूजा-अर्चना की थी और जैसे ही उनकी इच्छा पूरी हुई, उन्होंने रविवार को जश्न मनाना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने 56 वर्षीय हैरिस की जीत की खुशी पटाखे फोड़कर, मिठाइयां बांटकर मनाई और ऐसी खबरें हैं कि इस संबंध में बाद में विशेष पूजा भी आयोजित की जाएगी।
पैंगनाडु में इस अवसर पर रंगोली बनाने वाली स्थानीय महिला बेहद खुश हैं और उन्होंने इस जीत को ‘अपने घर की महिला की जीत’ बताया है। इस रंगोली में हैरिस को ‘गांव का गर्व’ बताया गया है। लोगों के उत्सव में राज्य के खाद्य मंत्री आर कामराज भी शामिल हुए। बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर हैरिस की तस्वीर लिए हुए नजर आए। क्षेत्र में सैंकड़ों डिजिटल बैनर भी लगाए गए थे। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर नेताओं ने लोगों में मिठाइयों का वितरण किया।
मनारगुडी पंचायत यूनियन में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्षद अरूलमोझी ने कहा, ‘‘ स्थानीय स्तर पर भी महिलाओं को चुनाव जीतने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। हम यह समझ सकते हैं कि इस कठिन चुनाव को जीतना कमला हैरिस के लिए काफी मुश्किल भरा रहा होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि कमला पदभार संभालने के बाद एक दिन हमारे गांव आएंगी। मैं उनके साथ हाथ मिलाने की प्रतीक्षा कर रही हूं।’’
थुलासेंद्रापुरम और पैंगनाडु कृषि प्रधान गांव हैं और एक-दूसरे के काफी नजदीक हैं। हैरिस के नाना पी वी गोपालम थुलासेंद्रापुरम गांव से युवावस्था में ही बाहर निकल गए थे और उन्होंने ब्रिटिश सरकारी सेवा में नौकरी कर ली थी। वहीं उनकी नानी राजम पैंगनाडु गांव से आती हैं। भले ही हैरिस के पूर्वज गांव से दशकों पहले चले गए हों लेकिन परिवार के सदस्य अब भी थुलासेंद्रापुरम के मंदिर के साथ अपना संपर्क बनाए हुए हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।