गाय की मौत के बाद तेरहवीं में मुसलमानों सहित शामिल हुए हजारों लोग, भावनात्मक रूप से था लगाव

By भाषा | Published: September 16, 2019 06:10 AM2019-09-16T06:10:57+5:302019-09-16T06:10:57+5:30

सामाजिक कार्यकर्ता कुशल प्रताप सिंह ने बताया कि हाकिम खान और उनके परिवार के सदस्यों ने तीन सितंबर को गाय के मरने के बाद हर संस्कार में भागीदारी की। गांव वाले भावनात्मक रूप से गाय से जुड़े हुए थे।

Hindus, Muslims Come Together To Mourn Death Of Cow In UP's Mathura | गाय की मौत के बाद तेरहवीं में मुसलमानों सहित शामिल हुए हजारों लोग, भावनात्मक रूप से था लगाव

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsहाकिम खान और उनके परिवार के सदस्यों ने तीन सितंबर को गाय के मरने के बाद हर संस्कार में भागीदारी की।गाय महंत देवदास की थी, जिनकी मृत्यु के बाद से गांव वाले ही इस गाय की देखभाल करते थे।

मथुरा जिले के कुड़वारा गांव में सांप्रदायिक सौहार्द का उदाहरण पेश करते हुए कई मुसलमानों सहित हजारों लोग एक गाय के मरने के बाद उसके अंतिम संस्कार और इसके बाद हुई तेहरवीं में शामिल हुए। अर्जुन नाम के एक ग्रामीण ने बताया कि यह गाय मूल रूप से महंत देवदास की थी, जिनकी मृत्यु सात-आठ साल पहले हो गई थी। इसके बाद से गांव वाले ही इस गाय की देखभाल करते थे।

सामाजिक कार्यकर्ता कुशल प्रताप सिंह ने बताया कि हाकिम खान और उनके परिवार के सदस्यों ने तीन सितंबर को गाय के मरने के बाद हर संस्कार में भागीदारी की। गांव वाले भावनात्मक रूप से गाय से जुड़े हुए थे। इसलिए गांव के कुछ युवकों ने धार्मिक मान्यता के अनुसार गाय को बाकायदा समाधि दिलाने का निर्णय लिया। साथ ही, गाय की तेहरवीं की रस्म भी की गई।

सिंह ने कहा, ‘‘इसके लिए चंदा किया गया और तेहरवीं के भोज के लिए आसपास के गांवों के लोगों को न्योता दिया गया।’’ शनिवार को हुए संस्कार में करीब 4,000 ग्रामीण जुटे।

Web Title: Hindus, Muslims Come Together To Mourn Death Of Cow In UP's Mathura

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