Hindi Patrakarita Divas: 30 मई को क्यों मनाया जाता है हिंदी पत्रकारिता दिवस, खास है वजह, जानिए
By मनाली रस्तोगी | Published: May 30, 2020 12:23 PM2020-05-30T12:23:33+5:302020-05-30T12:23:33+5:30
मीडिया को भारतीय लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया है। भारत में 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है। आखिर क्या है इसकी वजह, जानिए
नई दिल्ली: पत्रकारिता को भारतीय लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। मगर कई लोगों को इस मामले में जानकारी कम है कि हर साल 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस क्यों मनाया जाता है। दरअसल, 30 मई 1826 को हिंदी भाषा में पहला समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड प्रकाशित हुआ था, जिसके कारण इस दिन को हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उदंत मार्तण्ड को कोलकाता से एक साप्ताहिक समाचार पत्र के तौर पर पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने शुरू किया था। वह खुद ही इस अखबार के प्रकाशक और संपादक थे। ऐसे में हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत करने का श्रेय पंडित जुगल किशोर शुक्ल को जाता है। उदंत मार्तण्ड एक साप्ताहिक अखबार था, जोकि हर मंगलवार को प्रकाशित होता था। जिस समय इस अखबार का प्रकाशित करने का काम शुरू हुआ, उस समय बाजार में काफी अंग्रेजी, फारसी और बांग्ला अखबार मौजूद थे। ऐसे में गुलामी के समय देश में हिंदी पत्रकारिता की नींव डालने वाले पंडित जुगल किशोर शुक्ल ही थे।
कैसे बंद हुआ था प्रकाशन?
भले ही उदंत मार्तण्ड देश का पहला हिंदी भाषी अखबार था, लेकिन इसका प्रकाशन ज्यादा समय तक नहीं हो पाया क्योंकि तब डाक के जरिए अखबार पाठकों तक पहुंचाए जाते थे। उस समय अधिक डाक दर होने की वजह से अखबार प्रकाशित होना बंद हो गया था। जब यह अखबार बंद हुआ, तब तक इसके महज 79 अंक ही प्रकाशित हो पाए थे। इस मामले में इतिहासकारों का कहना है कि मिशनरियों के पत्र को तो डाक आदि की सुविधा मिली थी, लेकिन उदंत मार्तण्ड को अपने बेबाक रवैये की वजह से ये सेवा नहीं मिल पाई थी।