Hindi Diwas: डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा- हिंदी से देश की एकता भंग होगी, गृहमंत्री अमित शाह वापस लें अपना बयान
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: September 14, 2019 02:13 PM2019-09-14T14:13:44+5:302019-09-14T14:13:44+5:30
Hindi Diwas: गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस पर देशवासियों को बधाई दी और कहा कि यह भाषा पूरे देश के एकता की डोर बांध सकती है। गृहमंत्री शाह का यह बयान कुछ नेताओं को नागवार गुजर गया। उनमें डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन एक हैं। स्टालिन कहा है कि शाह को अपना बयान वापस लेना चाहिए।
Hindi Diwas: डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने गृहमंत्री अमित शाह के हिंदी को लेकर दिए बयान का विरोध किया है। स्टालिन ने कहा है कि अमित शाह को अपना बयान वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदी को देश की एक भाषा बनाने से एकता पर फर्क पड़ेगा।
डीएमके नेता एमके स्टालिन ने मीडिया से कहा, ''हम हिंदी को लागू करने के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं। अमित शाह द्वारा की गई आज की टिप्पणी ने हमें झटका दिया, यह देश की एकता को प्रभावित करेगा। हम मांग करते हैं कि वह अपना बयान वापस लें।'' उन्होंने आगे कहा कि परसों हम अपनी कार्यकारिणी की बैठक करेंगे जहां इस मुद्दे को और उठाया जाएगा।
DMK president MK Stalin on Home Minister Amit Shah's statement 'there is need for our nation to have one language': Day after tomorrow we will be holding our executive party meeting where will be take up this issue further. https://t.co/LAU15wgV8Y
— ANI (@ANI) September 14, 2019
बता दें कि हर वर्ष 14 सितंबर को देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस बार हिंदी दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत राजनीतिक जगत से कई लोगों ने शुभ सदेश दिए।
गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस को लेकर अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, ''भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परन्तु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने। आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है।''
एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, ''आज हिंदी दिवस के अवसर पर मैं देश के सभी नागरिकों से अपील करता हूँ कि हम अपनी-अपनी मातृभाषा के प्रयोग को बढाएं और साथ में हिंदी भाषा का भी प्रयोग कर देश की एक भाषा के पूज्य बापू और लौह पुरूष सरदार पटेल के स्वप्प्न को साकार करने में योगदान दें। हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।''
भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परन्तु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने। आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है। pic.twitter.com/hrk1ktpDCn
— Amit Shah (@AmitShah) September 14, 2019
इसके अलावा अमित शाह ने एक कार्यक्रम में कहा, ''हिंदी दिवस के मौके पर हमें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। इस दुनिया में कई देश हैं जिनकी भाषाएं विलुप्त हो गई हैं। जो देश अपनी भाषा छोड़ता है वह अपना अस्तित्व भी खो देता है। जो देश अपनी भाषा खो देता है, वह अपनी संस्कृति को संरक्षित नहीं कर सकता है।''
गृहमंत्री ने कहा, ''भाषाओं और बोलियों की विविधता हमारे देश की ताकत है लेकिन हमारे राष्ट्र के लिए एक भाषा होना जरूरी है, ताकि विदेशी भाषाओं को जगह न मिले। यही कारण है कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने हिंदी को 'राजभाषा' कहा।''
डीएमके प्रमुख स्टालिन के अलावा ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह के हिंदी को लेकर दिए बयान का विरोध किया है। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी दिवस बधाई दी है।