भाजपा कार्यसमिति की बैठक कल, पूर्व सांसद और हिमाचल बीजेपी उपाध्यक्ष कृपाल परमार का इस्तीफा, पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 23, 2021 07:25 PM2021-11-23T19:25:17+5:302021-11-23T19:58:52+5:30
हिमाचल प्रदेश में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। उपचुनाव में हार के बाद प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष कृपाल परमार ने त्यागपत्र दे दिया है। पार्टी पर कई आरोप लगाए हैं।
शिमलाः राज्यसभा के पूर्व सदस्य और हिमाचल प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष कृपाल परमार ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। सत्तारूढ़ दल को 30 अक्टूबर के उपचुनाव में हार के बाद एक और झटका है। यह इस्तीफा भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक की पूर्व संध्या पर आया है।
अपने तीन-पंक्ति के त्याग पत्र में परमार ने आरोप लगाया कि पार्टी में किसी ने भी उनकी सलाह पर ध्यान नहीं दिया, जिसे "तानाशाही की तरह चलाया जा रहा है"। उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप को संबोधित अपना इस्तीफा फेसबुक पर पोस्ट किया। इस्तीफा पत्र में कहा गया है, ‘‘मैं, कृपाल परमार, उपाध्यक्ष, हिमाचल भाजपा, पार्टी के पद से अपना इस्तीफा भेज रहा हूं। कृपया इसे स्वीकार करें। मैं अलग-अलग पत्रों में इसका कारण बताऊंगा।’’
वह पार्टी के सच्चे कार्यकर्ता हैं और इसके लिए काम करते रहेंगे। यह पत्र भाजपा राज्य कार्यसमिति की बैठक से पहले आया है। हिमाचल प्रदेश में हाल में हुए उपचुनाव में पार्टी ने कांगड़ा जिले की फतेहपुर विधानसभा सीट पर परमार की जगह बलदेव ठाकुर को मैदान में उतारा था।
राज्य भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया से इस्तीफे के बारे में पता चला है। उन्होंने कहा, "जब मुझे उनका इस्तीफा मिलेगा तो मैं चर्चा करूंगा और उनकी चिंताओं पर ध्यान दूंगा।" परमार ने बताया कि उन्हें बीजेपी में “चार साल तक अपमानित” किया गया।
उन्होंने कहा, 'पार्टी में पूरी तरह तानाशाही है। मैंने मुख्यमंत्री, पार्टी अध्यक्ष और कोर कमेटी से शिकायत की, लेकिन किसी ने मेरी चिंताओं को कोई महत्व नहीं दिया। एक ईमानदार, समर्पित पार्टी कार्यकर्ता को महत्व नहीं दिया जाता है।” परमार 2017 के विधानसभा चुनाव में फतेहपुर सीट से हार गए थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के समझाने के बाद उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन वे चुनाव प्रचार से दूर रहे। बलदेव ठाकुर उपचुनाव में कांग्रेस के भवानी सिंह पठानिया से 5,000 से अधिक मतों से हार गए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी न किसी तरह से अपमानित किया गया। उन्होंने कहा कि वह अब और अपमान नहीं सह सकते, यही वजह है कि वह पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
परमार पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेहद करीबी माने जाते हैं। परमार 2002 से 2006 तक राज्यसभा सदस्य रहे और उन्हें कांगड़ा के सबसे बड़े भाजपा नेताओं में से एक माना जाता है। उन्होंने राज्य परिवहन निगम के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। भाजपा और मुख्यमंत्री ने अभी तक उनके इस्तीफे का जवाब नहीं दिया है।