गृह मंत्रालय में उच्च-स्तरीय बैठक, गृह मंत्री अमित शाह- NSA अजीत डोभाल समेत कई अधिकारी मौजूद
By रामदीप मिश्रा | Published: September 16, 2019 10:34 AM2019-09-16T10:34:47+5:302019-09-16T10:53:55+5:30
गृह मंत्रालय की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, गृह सचिव एके भल्ला और खुफिया अधिकारी बैठक में मौजूद हैं।
दिल्ली में सोमवार (16 सितंबर) को गृह मंत्रालय की उच्च-स्तरीय बुलाई गई है, जिसमें गृह मंत्री से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक मौजूद हैं। मिली जानकारी के अुसार, गृह मंत्रालय में एक उच्च-स्तरीय बैठक चल रही है। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, गृह सचिव एके भल्ला और खुफिया अधिकारी बैठक में मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि यह बैठक जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालातों को लेकर आयोजित की जा रही है। हालांकि यह बैठक किस संबंध में बुलाई गई है इसको लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल सकी है।
Delhi: A high-level meeting is underway at Ministry of Home Affairs. Home Minister Amit Shah, National Security Advisor (NSA) Ajit Doval, Home Secretary AK Bhalla and Intelligence officials present in the Meeting pic.twitter.com/upsAeTqEIv
— ANI (@ANI) September 16, 2019
दरअसल, अभी हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कहा चुके हैं कि वह 'पूरी तरह आश्वस्त' हैं कि अधिकांश कश्मीरी अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के समर्थन में हैं। यह अनुच्छेद एक ‘‘विशेष भेदभाव’’ है न कि एक विशेष दर्जा। उन्होंने आश्वासन दिया था कि कश्मीर में पाबंदियों का मकसद पाकिस्तान को आतंकवाद के जरिए उसकी गलत मंशाओं को अंजाम देने से रोकना है।
उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 ‘‘एक विशेष दर्जा नहीं था। यह एक विशेष भेदभाव था। इसे निरस्त किये जाने से हम कश्मीरी लोगों को अन्य भारतीयों की बराबरी पर लाएं है।’’ वह पूरी तरह आश्वस्त हैं कि अधिकांश कश्मीरियों ने अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन किया है। उन्होंने इस कदम में बेहतर अवसर, बेहतर भविष्य और युवाओं के लिए अधिक नौकरियां देखी है। डोभाल ने भारतीय और विदेशी मीडिया के पत्रकारों से बातचीत करते हुए ये बातें कही थी।
सरकार की सोच को प्रदर्शित करते हुए डोभाल ने कहा था कि अनुच्छेद 370 और कुछ नहीं था बल्कि कश्मीर के गले की फांस था और यह लोगों को वहां अन्य भारतीयों के बराबर अधिकार मिलने से रोक रहा था। उदाहरण के लिए यह अनुच्छेद कश्मीर में शिक्षा का अधिकार, महिलाओं के अधिकार और न्यूनतम मजदूरी जैसे कई कानूनों को लागू किये जाने से रोक रहा था। अनुच्छेद 370 राजनीतिक वर्ग के लिए भ्रष्टाचार के जरिये धन बनाने का केवल एक जरिया था।
(समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)