कुमार विश्वास की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई, पंजाब पुलिस ने दर्ज की है एफआईआर

By विशाल कुमार | Published: May 2, 2022 12:41 PM2022-05-02T12:41:21+5:302022-05-02T12:46:52+5:30

पिछले सप्ताह विश्वास ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भड़काऊ बयानों को लेकर पंजाब में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था।

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कुमार विश्वास की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई, पंजाब पुलिस ने दर्ज की है एफआईआर

Highlightsपिछले सप्ताह विश्वास ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया।भड़काऊ बयानों को लेकर पंजाब में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था।विश्वास ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले केजरीवाल पर अलगाववादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया था।

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ बयान देने के आरोप में पंजाब पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में आप के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास की गिरफ्तारी पर सोमवार को रोक लगा दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पिछले सप्ताह विश्वास ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भड़काऊ बयानों को लेकर पंजाब में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था। विश्वास ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले केजरीवाल पर अलगाववादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया था।

पंजाब में रूपनगर के सदर थाने में 12 अप्रैल को विश्वास के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। पंजाब पुलिस 20 अप्रैल को गाजियाबाद स्थित विश्वास के घर पहुंची थी और उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया था।

पुलिस ने कहा था कि नरिंदर सिंह की शिकायत पर जनप्रतिनिधित्व कानून के अलावा आईपीसी की धाराओं के तहत समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, आपराधिक साजिश, धर्म या नस्ल के आधार पर दुश्मनी पैदा करने के इरादे से समाचार प्रकाशित करने या प्रसारित करने का मामला दर्ज किया गया है।

विश्वास ने याचिका में कहा कि रूपनगर पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामला “कानून की प्रक्रिया का सरासर दुरुपयोग और राजनीति से प्रेरित है।’’ 

उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि जिस तरह से जांच एजेंसी आगे बढ़ रही है, उससे स्पष्ट है कि वह ऐसी प्रक्रिया अपनाकर याचिकाकर्ता की स्वतंत्रता को कम करने की कोशिश कर रही है, जिसका कानून से कोई लेना देना नहीं है।  इसमें कहा गया है, ‘‘विश्वास के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना बिल्कुल अवैध, मनमाना और अनुचित है।’’

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