हाई कोर्ट ने कांग्रेस को दिया बड़ा झटका, नेशनल हेराल्ड को खाली करना होगा दिल्ली का दफ्तर
By भाषा | Published: December 21, 2018 04:07 PM2018-12-21T16:07:45+5:302018-12-21T18:56:10+5:30
न्यायमूर्ति सुनील गौर ने 56 साल पुराना पट्टा समाप्त करने के केंद्र सरकार के 30 अक्टूबर के आदेश को चुनौती वाली अपील खारिज कर दी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस के मुखपत्र ‘नेशनल हेरल्ड’ के प्रकाशक ‘एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) को राष्ट्रीय राजधानी स्थित परिसर दो सप्ताह के भीतर खाली करने का निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय ने परिसर खाली करने के केंद्र के आदेश को चुनौती देने वाली एजेएल की अपील खारिज कर दी।
केन्द्र और भूमि एवं विकास कार्यालय (एलडीओ) ने अपने आदेश में कहा कि बीते कम से कम दस साल से परिसर में कोई प्रेस काम नहीं कर रही है और इसका पट्टा समझौते का उल्लंघन करके केवल वाणिज्यिक उद्देश्यों से इस्तेमाल किया जा रहा था।
एजेएल ने उच्च न्यायालय में दायर याचिका में आरोपों को खारिज किया है। न्यायमूर्ति सुनील गौर ने 56 साल पुराना पट्टा समाप्त करने के केंद्र सरकार के 30 अक्टूबर के आदेश को चुनौती वाली अपील खारिज कर दी।
अदालत ने कहा कि एजेएल को दो सप्ताह के अंदर आईटीओ स्थित परिसर को खाली करना होगा। इसके बाद सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों को बेदखल करना) कानून 1971 के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी।
अदालत ने 22 नवंबर को एजेएल की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था। केन्द्र ने कहा कि नोटिस जारी करने से पहले सभी प्रक्रियाओं का विधिवत पालन किया गया है।
एजेएल ने केन्द्र के रुख का विरोध करते हुए कहा था कि वेब संस्करणों का प्रकाशन 2016 में शुरू हुआ था और तब परिसर में प्रिटिंग प्रेस की अनुपस्थिति का मुद्दा नहीं उठा था।
एजेएल ने कहा था कि अप्रैल 2018 तक सरकार शांत रही और फिर उसने निरीक्षण के लिए नोटिस फिर भेजा और इसमें उसने कहा कि वह 10 अक्टूबर 2016 को नोटिस में बताए गए उल्लंघनों की जांच करने आ रही है।
एजेएल ने दलील दी थी कि कई बड़े अखबार अन्य स्थानों पर प्रिटिंग का काम करते हैं। अदालत ने इससे पहले सरकार से 30 अक्टूबर के आदेश के क्रियान्वयन पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा था।