सर्वाधिक वोटों से लोकसभा चुनाव जीते भाजपा नेता को हाई कोर्ट का नोटिस, ईवीएम के इस्तेमाल में गड़बड़ी का आरोप
By भाषा | Published: August 20, 2019 05:34 AM2019-08-20T05:34:11+5:302019-08-20T05:34:11+5:30
वर्ष 1951 के जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत दायर याचिका में लोकसभा सांसद के रूप में लालवानी के निर्वाचन को चुनौती देते हुए इसे शून्य घोषित करने की गुहार की गयी है।
इंदौर, 19 अगस्तः मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने इस बार के लोकसभा चुनावों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान इंदौर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद शंकर लालवानी को सोमवार को नोटिस जारी किया। लालवानी तीन महीने पहले संपन्न चुनावों के दौरान देशभर में सबसे ज्यादा वोट पाकर संसद के निचले सदन पहुंचे हैं।
उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ की न्यायमूर्ति वंदना कसरेकर ने इंदौर क्षेत्र में पराजित कांग्रेस उम्मीदवार पंकज संघवी की ओर से दायर याचिका पर लालवानी से पांच हफ्ते में जवाब मांगा। वर्ष 1951 के जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत दायर याचिका में लोकसभा सांसद के रूप में लालवानी के निर्वाचन को चुनौती देते हुए इसे शून्य घोषित करने की गुहार की गयी है।
संघवी के वकील अभिनव धनोदकर ने बताया, ‘‘मेरे मुवक्किल ने अपनी याचिका में इंदौर क्षेत्र में मई में संपन्न लोकसभा चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल में गड़बड़ी का आरोप लगाया है।’’ धनोदकर ने बताया, "याचिका में कहा गया है कि मतदान और मतगणना के वक्त ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर निर्वाचन आयोग की तय प्रक्रिया तथा नियम-कायदों का पालन नहीं किया गया जिसका चुनावों में लालवानी को अनुचित फायदा मिला।"
सांसद की दौड़ में पहली बार शामिल होने के बावजूद लालवानी ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर इंदौर क्षेत्र में 10 लाख 68 हजार 569 मत हासिल कर विजय हासिल किया और इस सीट पर अपनी पार्टी का 30 साल पुराना कब्जा बरकरार रखा था। उन्होंने अपने नजदीकी प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को पांच लाख 47 हजार 754 वोटों के विशाल मतों के अंतर से हराया था।
लोकसभा निर्वाचन को चुनौती देने वाले अन्य मुकदमे में उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सुनील कुमार अवस्थी ने पड़ोसी उज्जैन क्षेत्र के भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। यह नोटिस पराजित कांग्रेस उम्मीदवार बाबूलाल मालवीय की ओर से दायर उस याचिका पर जारी किया गया जिसमें फिरोजिया की चुनावी जीत को ईवीएम के इस्तेमाल में गड़बड़ी के आरोपों के आधार पर चुनौती दी गयी है।
उज्जैन क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार अनिल फिरोजिया को सात लाख 91 हजार 663 वोट मिले थे। इनकी बदौलत उन्होंने अपने नजदीकी प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस प्रत्याशी बाबूलाल मालवीय को तीन लाख 65 हजार 637 वोटों के बड़े अंतर से पटखनी दी थी। मालवीय को चार लाख 26 हजार 26 वोटों से सब्र करना पड़ा था।