उच्च न्यायालय ने श्रम अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर को दी जमानत, करनाल जेल से रिहा

By भाषा | Published: February 26, 2021 10:52 PM2021-02-26T22:52:02+5:302021-02-26T22:52:02+5:30

High court grants bail to labor rights activist Navdeep Kaur, released from Karnal jail | उच्च न्यायालय ने श्रम अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर को दी जमानत, करनाल जेल से रिहा

उच्च न्यायालय ने श्रम अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर को दी जमानत, करनाल जेल से रिहा

चंडीगढ़, 26 फरवरी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को श्रम अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर को जमानत पर रिहा कर दिया। अदालत ने कहा कि कौर के खिलाफ हत्या के प्रयास जैसे आरोप लगाना एक ‘‘बहस का मुद्दा’’ है, जिस पर सुनवायी के दौरान बाद में विचार किया जाएगा।

नवदीप कौर को शाम करीब साढ़े सात बजे करनाल जेल से रिहा किया गया। करीब छह सप्ताह पहले कौर को हत्या के प्रयास सहित कई आरोपों में एक आपराधिक मामला दर्ज किये जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

कौर को गत 12 जनवरी को हरियाणा के सोनीपत जिले में एक औद्योगिक इकाई का कथित तौर पर घेराव करने और एक कंपनी से धनराशि की मांग करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने दावा किया था कि पुलिस की एक टीम पर कथित तौर पर डंडों से हमला किया गया था, जिससे सात पुलिसकर्मियों को चोटें आयी थीं।

कौर की एक मेडिकल रिपोर्ट उच्च न्यायालय के समक्ष पेश की गई थी। इसके अनुसार कौर के शरीर पर चोट के निशान हैं।

तेईस वर्षीय कार्यकर्ता ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया था कि उन्हें 12 जनवरी को सोनीपत पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद एक पुलिस थाने में गंभीर रूप से पीटा गया था।

अदालत ने 24 फरवरी को हरियाणा राज्य को कौर की मेडिकल रिपोर्ट को रिकॉर्ड में रखने का निर्देश दिया था। कौर की सोनीपत सिविल अस्पताल में मेडिकल जांच करायी गई थी।

हरियाणा पुलिस ने हालांकि आरोप को ‘‘निराधार’’ बताया था।

शुक्रवार को कौर की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति अवनीश झिंगन ने कहा कि आईपीसी की धारा 307, 332, 353 और 379-बी लगाने का मुद्दा एक ‘‘बहस का मुद्दा’’ होगा, जिस पर सुनवायी के दौरान बाद में विचार किया जाएगा।

अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता 12.1.2021 से हिरासत में है। इस मामले की जांच चल रही है, लेकिन वह याचिकाकर्ता को व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं होगा।’’

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, ‘‘...कहना पर्याप्त होगा कि याचिकाकर्ता जमानत पर रहने के दौरान संयम बनाए रखेंगी ताकि उनके कार्यों के कारण कानून-व्यवस्था का कोई मुद्दा उत्पन्न नहीं हो।’’

एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि अनीता ठाकुर और अन्य बनाम जम्मू कश्मीर सरकार और अन्य के मामले 2016, में उच्चतम न्यायालय का मानना है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार एक अधिकार है जिसका पता मौलिक अधिकार से चलता है लेकिन यह अधिकार उचित पाबंदियों के अधीन है।

सोनीपत पुलिस ने कौर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 148, 307, 384, 353 और 379-बी के तहत मामला दर्ज किया था।

कौर मजदूर अधिकार संगठन की एक सदस्य और पंजाब के मुक्तसर जिले के गिदड़ गांव की रहने वाली हैं। कौर ने दावा किया था कि उन्हें मामले में इसलिए झूठे ही फंसाया गया क्योंकि वह केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन लिए भारी समर्थन जुटाने में सफल रही थीं।

इससे पहले, सोनीपत की एक अदालत ने उगाही, दंगा करने और अन्य आरोपों के दो अलग मामलों में कौर को जमानत दे दी थी।

कौर ने रिहा किये जाने के बाद लोगों का उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद किया।

इस बीच कौर के परिवार ने कार्यकर्ता को जमानत मिलने पर खुशी जाहिर की है।

उनकी बहन राजवीर कौर ने कहा कि उन्हें जेल में डेढ़ महीना बिताना पड़ेगा।

नवदीप की मां स्वर्णजीत कौर ने कहा, ‘‘उसकी मां होने के नाते मैं बेहद खुश हूं। अब उसके जेल से बाहर आने पर हम उससे पूछ सकेंगे कि उसे किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा।’’

कौर के परिवार के सदस्यों के अलावा दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा भी उस समय मौजूद थे जब कौर पर जेल से रिहा किया गया।

कौर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं हमेशा श्रमिकों और किसानों के साथ खड़ी रहूंगी। मैं बेगुनाह हूं लेकिन कई अन्य भी हैं जो हत्या के प्रयास का आरोप का सामना कर रहे हैं और वे जेल से बाहर नहीं आ सके।’’

एक सवाल पर कौर ने कहा कि वह सिंघू बार्डर जरूर जाएंगी। कौर ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और न ही भविष्य में करेंगी।

कौर ने कहा कि सभी को पता है कि ‘‘काले कानून किसानों पर बिना उनसे मशविरा किये थोपे गए।’’

कौर की बहन राजवीर कौर ने कहा, ‘‘हमने यह लड़ाई अभी जीती नहीं है। हम यह लड़ाई तब तक कैसे जीत सकते हैं जब शिव कुमार (कौर के साथ गिरफ्तार), उमर खालिद (दिल्ली दंगों के षड्यंत्र मामले में आरोपी), खालिद सैफी (दिल्ली में जिसके खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है), सूची बहुत लंबी हैं, जेलो के अंदर हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी लड़ाई तब तक चलेगी, जब तक कि वे सभी जेल से बाहर नहीं आ जाते हैं।

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Web Title: High court grants bail to labor rights activist Navdeep Kaur, released from Karnal jail

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