उच्च न्यायालय ने केंद्र से कालाबाजारी रोकने के लिए ऑक्सीजन सांद्रक की एमआरपी तय करने के लिए कहा
By भाषा | Published: May 12, 2021 09:32 PM2021-05-12T21:32:43+5:302021-05-12T21:32:43+5:30
नयी दिल्ली, 12 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार से कहा कि यह बिल्कुल उचित समय है कि कोविड के उपचार में इस्तेमाल किए जाने वाले ऑक्सीजन सांद्रक और अन्य उपकरणों की एमआरपी उनके जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए तुरंत तय की जाए।
उच्च न्यायालय ने कोविड-19 के उपचार के लिए आवश्यक दवाओं और उपकरणों की जमाखोरी और कालाबाजारी के संबंध में दो मई के बाद दर्ज की गईं प्राथमिकियों में नामजद सभी व्यक्तियों को अवमानना नोटिस जारी करते हुए यह बात कही। अदालत ने उन सबको 19 मई को पेश होने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि थानों के एसएचओ के माध्यम से सभी आरोपियों को नोटिस दिया जाएगा जहां मामले दर्ज किए गए हैं।
पीठ ने कहा कि नोटिस उन व्यक्तियों को भी दिए जाएंगे, जिनके नाम जांच के दौरान 40 प्राथमिकियों में जोड़े गए थे।
वकील संजीव सागर द्वारा यह सूचित किए जाने के बाद उच्च न्यायालय ने यह निर्देश दिया कि इन प्राथमिकियों के संबंध में निचली अदालतों के समक्ष सुनवाई के दौरान, सरकारी वकील और न्यायिक अधिकारी पीठ के दो मई के आदेश से अनभिज्ञ दिखाई दिए, जिसमें जमाखोरी और कालाबाजारी में लिप्त लोगों पर मामला दर्ज करने के लिए कहा गया था।
न्याय मित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव ने कहा कि निचली अदालत को दोषी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि अभी तक ज्यादातर आयातित उपकरणों की एमआरपी तय नही है और केंद्र सरकार को उच्च न्यायालय को सूचित करना होगा कि उसने क्या कदम उठाए हैं।
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