झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार के खिलाफ साजिश, पुलिस कार्रवाई पर टिकी हैं निगाहें, उठ रहे हैं कई सवाल

By एस पी सिन्हा | Published: July 28, 2021 07:04 PM2021-07-28T19:04:49+5:302021-07-28T19:05:56+5:30

विधायक कांग्रेस के इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला और निर्दलीय विधायक अमित यादव हैं. ये तीनों विधायक सफाई दे चुके हैं कि वे दिल्ली तो गए थे, लेकिन अपने निजी काम से.

Hemant Soren's government Conspiracy against police action many questions are being raised Jharkhand | झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार के खिलाफ साजिश, पुलिस कार्रवाई पर टिकी हैं निगाहें, उठ रहे हैं कई सवाल

विधायक उमाशंकर अकेला ने पूरे प्रकरण को एक साजिश बताते हुए कहा कि हम धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के हैं.

Highlights पुलिस ने 15 मिनट का उक्त सीसीटीवी फुटेज जब्त किया है. एसआइटी साक्ष्यों के साथ जल्द रांची लौटेगी.फुटेज में नजर आ रहे तीनों विधायकों का पक्ष लिया जाएगा.विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि पूरे प्रकरण का खुलासा होना चाहिए.

रांचीः झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार के खिलाफ साजिश रचने के मामले की जांच कर रही रांची पुलिस ने गिरफ्तार आरोपितों के स्वीकरोक्ति बयान के बाद भी अभी तक इन तीनों विधायकों का नाम प्राथमिकी में दर्ज नहीं की है.

यही नहीं इन विधायकों से पुलिस ने इन विधायकों से किसी प्रकार का पूछताछ भी करना उचित नहीं समझा है. जबकि इस मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी की टीम दिल्ली, मुंबई और नागपुर आदि शहरों में जा चुकी है. झारखंड में विधायकों के मौजूद रहने के बावजूद इनसे किसी प्रकार की जानकारी नहीं लिये जाने से मामला लगातार उलझता जा रहा है.

पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये तीन विधायक कांग्रेस के इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला और निर्दलीय विधायक अमित यादव हैं. ये तीनों विधायक सफाई दे चुके हैं कि वे दिल्ली तो गए थे, लेकिन अपने निजी काम से. पुलिस ने 15 मिनट का उक्त सीसीटीवी फुटेज जब्त किया है. एसआइटी साक्ष्यों के साथ जल्द रांची लौटेगी. इसकी समीक्षा के बाद फुटेज में नजर आ रहे तीनों विधायकों का पक्ष लिया जाएगा.

पुलिस सूत्रों के अनुसार मुंबई और नागपुर गई एसआईटी की टीम भाजपा नेता जय कुमार बेलखेडे उर्फ बालकुंडे, मोहित भारतीय, आशुतोष ठक्कर और अमित कुमार यादव से जल्द ही पूछताछ कर सकती है. इन लोगों से पूछताछ कर पुलिस यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि आखिर रांची जाने के पिछे इनका मुख्य उद्देश्य क्या था? क्या इन लोगों ने किसी भी विधायक से कोई बातचीत-मुलाकात की थी?

वहीं, इस संबंध में पूछे जाने पर विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि पूरे प्रकरण का खुलासा होना चाहिए. उन्होंने आशंका जाहिर की है कि इसके पीछे शराब माफिया का खेल हो सकता है. उन्होंने कहा कि वे भ्रम फैलाने संबंधी कार्रवाई से अत्यंत आहत और क्रोधित हैं. पिता के इलाज के लिए दिल्ली जाने का कार्यक्रम बना और इसे राजनीतिक हथियार बनाने वाले लोगों को शर्म आनी चाहिए.

वहीं, विधायक उमाशंकर अकेला ने पूरे प्रकरण को एक साजिश बताते हुए कहा कि हम धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के हैं. हमारा और भाजपा का कोई गठजोड़ हो ही नहीं सकता. चाहे पेशगी की रकम एक करोड़ हो या 50 करोड़, अकेला यादव कभी बिक नहीं सकता. उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसी भाजपा नेता या विधायक से हमने मुलाकात नहीं की और न ही पकडे़ गए तीनों में से किसी को भी जानता-पहचानता हूं. 

उधर, जांच के लिए दिल्ली गई एसआईटी की टीम को मिले सीसीटीवी फुटेज में तीनों विधायक इनोवा से होटल विवांता पहुंचते दिखे हैं. रांची में पुलिस की टीम ने जांच के दौरान रांची स्थित होटल लीलेक का सीसीटीवी फुटेज हासिल कर लिया है. फुटेज में महाराष्ट्र के भाजपा नेता जय कुमार बेलखेडे उर्फ बालकुंडे दिख रहे हैं. इससे इस बात की पुष्टि होती है कि वह छापेमारी के दौरान होटल में ही मौजूद थे.

उनके साथ होटल में महाराष्ट्र के मोहित भारतीय, आशुतोष ठक्कर और अमित कुमार यादव भी थे. मोहित भारतीय पेशे से व्यवसायी हैं. उनका वास्तविक नाम मोहित कांबोज है. वह केबीजे ग्रुप के अध्यक्ष हैं. पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में उनके आधार कार्ड की प्रति भी होटल से बरामद की है. इस तरह से पुलिस की जांच में तकनीकी और भौतिक साक्ष्य मिले हैं.

उसके आधार पर जयकुमार बेलखडे सहित चारों के रांची आने की पुष्टि हुई है. हालांकि जयकुमार बेलखडे़ ने अपने बयान में कहा है कि वह कभी झारखंड नहीं गये हैं. अब एसआइटी के अधिकारी सभी संबंधित साक्ष्य जुटाने की कोशिश में लगे हुए हैं. इसबीच जानकारों का मानना है कि यह मामला शराब के ठेके और खनन माफियाओं के साथ साठ-गांठ से भी जुड़ा हो सकता है.

सूत्रों के अनुसार मोहित कांबोज और जयकुमार बेलखडे झारखंड में शराब के ठेके से भी जुडना चाहते हैं. इसमें हवाला के माध्यम से पैसों का भी खेल शामिल है. जानकारों की अगर मानें शराब के ठेके के खेल में कई सिंडिकेट काम कर रहा है और इसकारण से सत्तारूढ़ गठबंधन के अंदर भी तनातनी की बात सामने आ रही है. राजनीति के जानकारों की अगर मानें तो भाजपा कांग्रेस को भले ही नही तोड़ पाये, लेकिन झामुमो इसमें सेंध लगा सकती है. शायद यही कारण है कि इस खेल को दूसरे रूप में मोड़ देने का प्रयास किया गया हो.

Web Title: Hemant Soren's government Conspiracy against police action many questions are being raised Jharkhand

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