हेमंत सोरेन ने ईडी प्रकरण पर घेरा मोदी सरकार को, बोले- "संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके जनादेश का अपमान कर रहे हैं"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 4, 2022 09:00 PM2022-11-04T21:00:31+5:302022-11-04T21:06:44+5:30
ईडी द्वारा अवैध खनन और मनी लांड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए समन किये जाने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद को संवैधानिक पद पर आसीन होने का हवाला देते हुए पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी के ऐसा अधिकार है कि वो किसी मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए बुला सके या फिर वो ऐसा करके संवैधानिक नियमों को नये सिरे से परिभाषित कर रहे हैं।

ट्विटर से साभार
रांची: झारखंण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेनप्रवर्तन निदेशालय द्वारा अवैध खनन और मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए बुलाये जाने से अभी तक भड़के हुए हैं। हेमंत सोरेन को खुद पर संवैधानिक पद पर आसीन होने का हवाला देते हुए कहा कि क्या यह केंद्रीय एजेंसी के अधिकार क्षेत्र में आता है कि वो संवैधानिक पद पर बैठे एक मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए समन कर सके। क्या वो ऐसा करके संवैधानिक नियमों को नये सिरे से परिभाषित कर रहे हैं।
हेमंत सोरेन ने राज्य में चल रही केंद्रीय एजेंसी ईडी की गतिविधियों पर सख्त रूख अपनाते हुए ट्वीट किया और केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा, "वीर पुरुखों की धरती है झारखण्ड। अगर षड्यंत्रकारियों को लगता है राजनैतिक क्षेत्र में उनके परास्त होने के बाद वह संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर जनादेश का अपमान करेंगे। तो यह उनकी भूल है। झारखण्ड की जनता उनके मंसूबे कभी कामयाब होने नहीं देगी।"
वीर पुरुखों की धरती है झारखण्ड। अगर षड्यंत्रकारियों को लगता है राजनैतिक क्षेत्र में उनके परास्त होने के बाद वह संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर जनादेश का अपमान करेंगे। तो यह उनकी भूल है।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 4, 2022
झारखण्ड की जनता उनके मंसूबे कभी कामयाब होने नहीं देगी। pic.twitter.com/AXgmKNhakI
हेमंत सोरने ने इस पूरे प्रकरण के लिए सीधे केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए ऐसी साजिश कर रही है। इसके साथ ही सीएम हेमंत सोरेन ने सवाल खड़ा किया कि क्या भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों के साथ ही केंद्र सरकार या केंद्रीय एजेंसियों द्वारा ऐसा ही व्यवहार किया जाता है।
गुजरात के मोरबी पुल हादसे का जिक्र करते हुए हेमंत सोरेन ने बेहद तल्ख लहजे में कहा कि गुजरात में 27 साल के एक ही पार्टी का शासन है, उसके बाद भी वहां ऐसा गंभीर हादसा हुआ कि 135 लोग पुल गिरने के कारण जान गंवा बैठे क्या एक्शन हुआ वहां की सरकार के खिलाफ। खुद प्रधानमंत्री उसी राज्य में थे लेकिन वो मौके पर फौरन नहीं जाते हैं, कौन सवाल करेगा उनसे। क्या उनकी और राज्य सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है। क्या सारी जवाबदारी केवल विपक्षी दलों के राज्य सरकारों की बनती है।