इसरो ने देश को फिर गौरवान्वित किया, अमेरिका के एक दर्जन से अधिक नैनो उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर हृदय से इसरो को बधाईः मोदी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 27, 2019 01:40 PM2019-11-27T13:40:24+5:302019-11-27T13:51:57+5:30
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ मैं इसरो की पूरी टीम को पीएसएलवी सी 47 के जरिये स्वदेशी कार्टोसैट..3 और अमेरिका के एक दर्जन से अधिक नैनो उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर हृदय से बधाई देता हूं । ’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्टोसैट-3 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद (इसरो) को बधाई दी और कहा कि अंतरिक्ष संगठन ने एक बार फिर देश को गौरवान्वित किया है । प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ मैं इसरो की पूरी टीम को पीएसएलवी सी 47 के जरिये स्वदेशी कार्टोसैट..3 और अमेरिका के एक दर्जन से अधिक नैनो उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर हृदय से बधाई देता हूं । ’’
The advanced Cartosat-3 will augment our high resolution imaging capability. ISRO has once again made the nation proud!
— Narendra Modi (@narendramodi) November 27, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘ अत्याधुनिक कार्टोसैट..3 से चित्र लेने की हमारी उच्च क्षमता और बेहतर होगी। इसरो ने एक बार देश को गौरवान्वित किया है। ’’ भारत के उपग्रह कार्टोसैट-3 और अमेरिका के 13 नैनो उपग्रह लेकर जा रहे पीएसएलवी-सी47 का बुधवार को सुबह श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से प्रक्षेपण किया गया। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि पीएसएलवी-सी47 ने कार्टोसैट-3 को सफलातपूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बताया कि कार्टोसैट..3 तीसरी पीढ़ी का दक्ष उन्नत उपग्रह है जिसमें हाई रिजॉल्यूशन इमेजिंग क्षमता है।
लोकसभा ने पीएसएलवी-सी47 के सफल प्रक्षेपण पर दी बधाई
भारत के उपग्रह कार्टोसैट-3 और अमेरिका के 13 नैनो उपग्रहों के साथ पीएसएलवी-सी47 के सफल प्रक्षेपण पर लोकसभा ने इसरो और अंतरिक्ष विभाग के दल को बधाई दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में कहा कि आज इसरो ने एक बार फिर पीएसएलवी रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया है और उसके माध्यम से कार्टोसैट-3 उपग्रह तथा अमेरिका के एक दर्जन से अधिक नैनो उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस सफल प्रक्षेपण के साथ देश का मान बढ़ाने के लिए इसरो और अंतरिक्ष विभाग की पूरी टीम को सदन की ओर से बधाई प्रेषित है। बिरला ने विश्वास व्यक्त किया कि इसरो आगे भी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए इस दिशा में सफलतापूर्वक काम करता रहेगा। इसरो ने बुधवार को पृथ्वी पर नजर रखने वाले भारत के उपग्रह कार्टोसैट-3 और अमेरिका के 13 नैनो उपग्रह लेकर जा रहे पीएसएलवी-सी47 का श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से सफल प्रक्षेपण किया।
इसरो के निगरानी केंद्र ने कार्टोसैट-3 का नियंत्रण लिया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (इसट्रैक) ने बुधवार को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित उपग्रह कार्टोसैट-3 को अपने नियंत्रण में ले लिया है।
इस उपग्रह को बादल छाए रहने के बावजूद निर्धारित समय सुबह नौ बजकर 28 मिनट पर पीएसएलवी-सी 47 के जरिये श्रीहरिकोटा के दूसरे लांचिंग पैड से प्रक्षेपित किया गया। इसरो ने बयान में बताया कि प्रक्षेपण के 17 मिनट बाद कार्टोसैट-3 को सफलतापूर्वक सूर्य स्थैतिक कक्षा (सन सिंक्रोनस ऑर्बिट) में 509 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित कर दिया गया।
इसरो ने बताया, ‘‘इसके साथ ही अमेरिका के सभी नैनो उपग्रहों को भी निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया। अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, ‘‘रॉकेट से अलग होने के बाद कर्टोसैट-3 के सौर पैनल स्वत: खुल गए और बेंगलुरु स्थिति इस्ट्रैक ने उसका कमान अपने हाथों में ले लिया।’’
Lok Sabha Speaker Om Birla: I congratulate ISRO on the successful launch of PSLV-C47 carrying indigenous Cartosat-3 satellite & over a dozen nano satellites of USA. The advanced Cartosat-3 will augment our high resolution imaging capability. pic.twitter.com/y7LNnf1IEc
— ANI (@ANI) November 27, 2019
इसरो ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में उपग्रह को परिचालन की स्थिति में लाया जाएगा। एजेंसी के प्रमुख के सिवन के मुताबिक कार्टोसैट-3 उपग्रह इसरो की ओर से बनाया गया सबसे जटिल और अत्याधुनिक पृथ्वी निगरानी उपग्रह है। उन्होंने बुधवार को सफलतापूर्वक मुकाम पर पहुंचाने के लिए पीएसएलवी और उपग्रह टीम को बधाई दी और उनकी प्रशंसा की।
Views of #PSLVC47 lift off from Sriharikota.
— ISRO (@isro) November 27, 2019
Mission Accomplished. Thanks for your support. pic.twitter.com/44fEip0K8q
कार्टोसैट-3 बड़े पैमाने पर नगरीय योजना, ग्रामीण संसाधन और आधारभूत संरचना विकास, तटीय भू इस्तेमाल और भूमि निगरानी की जरूरतों को पूरी करने के साथ रक्षा एवं सैन्य उद्देश्यों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पीएसएलवी-सी47 इस श्रेणी के रॉकेट का 49वां मिशन था। वहीं कार्टोसैट-3 अगले पांच साल तक काम करेगा।