स्वास्थ्य मंत्रालय अस्पतालों में ओपीडी शुरू करने की कर रहा तैयारी, एम्स OPD मॉडल की तर्ज पर शुरू होंगी सेवाएं
By एसके गुप्ता | Published: May 20, 2020 06:34 PM2020-05-20T18:34:09+5:302020-05-20T18:34:09+5:30
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एम्स सहित अन्य अस्पतालों से कहा गया है कि ओपीडी रजिस्ट्रेशन सुबह होता है।
कोविड-19 के कारण अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद हैं। ओपीडी सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। पहले चरण में एम्स दिल्ली में ओपीडी सेवाएं शुरू होंगी। एम्स ओपीडी मॉडल पर अन्य अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लोकमत से कहा कि एम्स, आरएमएल और सफदरजंग अस्पताल में ओपीडी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके लिए अस्पताल प्रशासन से कहा है कि ओपीडी सेवाओं के दौरान संक्रमण न फैले इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए। ओपीडी खुलने के लिए बनने वाले यह नियम कुछ दिन के लिए नहीं बल्कि अगले कई महीनों के लिए होंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एम्स सहित अन्य अस्पतालों से कहा गया है कि ओपीडी रजिस्ट्रेशन सुबह होता है। जिसके लिए एक ही जगह पर लंबी लाइनें लगती हैं। ऐसी स्थिति न हो इसके लिए अस्पताला प्रशासन ओपीडी के रजिस्ट्रेशन समय में भी बदलाव करे। अलग-अलग विभागों के लिए अलग-अलग समय पर ओपीडी शुरू की जाएं। इसके अलावा रोगियों के लिए टेलीमेडिसन काउंसलिंग भी जारी रखी जाए। टेलीमेडिसन के लिए एम्स का मॉडल अपनाते हुए ऑनलाइन और फोन पर अप्वाइंटमेंट रजिस्ट्रेशन किया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का ध्यान में रखकर ओपीडी में एक दिन में निर्धारत रोगियों को देखना तय हो।
एम्स प्रवक्ता प्रो. आरती विज ने लोकमत से कहा कि एम्स प्रशासन ओपीडी शुरू करने से पहले कोरोना वायरस से बचाव की पूरी तैयारी में जुटा हुआ है। ओपीडी शुरू करने के लिए एक टीम का गठन किया गया है। जिसके सुझाव पर ओपीडी शुरू की जाएगी। ओपीडी अलग-अलग चरणों में शुरू की जाएगी। ओपीडी शुरू करने के लिए कोई तारीख तय नहीं है। लेकिन अगले 7 से 9 दिन में ओपीडी शुरू कर दी जाएगी। एम्स के वरिष्ठ चिकित्सक और विभागाध्यक्ष बताते हैं कि अस्पताल में ओपीडी शुरू करने के लिए कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं। जिससे ओपीडी शुरू होने पर यहां आने वाले रोगियों को कोविड-19 संक्रमण से बचाया जा सके। जिसके लिए योजना बनाई जा रही है कि इलाज के लिए आने वाले रोगी सीधे ओपीडी में नहीं आएंगे। सबसे पहले इनकी स्क्रीनिंग होगी, फिर उन्हें ओपीडी में भेजा जाएगा। यह काम एम्स में एंट्री के बाद होगा। एन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) की जांच होगी, जिसमें फीवर, सर्दी, खांसी जैसे लक्षण नहीं होंगे उन्हें ही संबंधित डिपार्टमेंट की ओपीडी में भेजा जाएगा। एक साथ सभी विभागों की ओपीडी नहीं शुरू की जाएगी। फिलहाल मधुमेह, मेडिसन और, दंत और नेत्र रोग विभाग की ओपीडी खोलने पर विचार चल रहा है। क्योंकि यह सब अलग-अलग हैं और एक दूसरे से दूरी पर हैं।
एम्स प्रवक्ता प्रो. आरती विज ने कहा कि लॉकडाउन के तहत एम्स ने 34000 रोगियों को टेलीमेडिसन कंसल्टेंसी दी है। एम्स के हेल्पलाइन नंबर पर करीब 1000 फोन कॉल्स आते हैं। जिनमें कोविड-19 के उपचार से संबंधित फोन कॉल भी शामिल हैं। एम्स ने देश भर के अस्पतालों द्वारा कोविड-19 उपचार से संबंधित जानकारी मांगने पर करीब 44 हजार ईमेल का जवाब उन्हें अभी तक भेजा है।