कोवैक्सीन में नवजात बछड़े के सीरम को लेकर डॉ. हर्ष वर्धन ने स्पष्ट की स्थिति, जानिए इस्तेमाल को लेकर क्या कहती है सरकार

By अभिषेक पारीक | Published: June 17, 2021 04:07 PM2021-06-17T16:07:39+5:302021-06-17T16:12:49+5:30

देश के स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन में बछड़े के सीरम को लेकर के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने स्थिति स्पष्ट की है।

health minister harsh vardhan says covaxin does not contain newborn calf serum | कोवैक्सीन में नवजात बछड़े के सीरम को लेकर डॉ. हर्ष वर्धन ने स्पष्ट की स्थिति, जानिए इस्तेमाल को लेकर क्या कहती है सरकार

फाइल फोटो

Highlightsडॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि कोवैक्सीन में नवजात बछड़े का सीरम नहीं है।उन्होंने कहा कि वेरो सेल्स के विकास और तैयारी में उपयोग होता है, लेकिन अंतिम टीके में नहीं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सोशल मीडिया की कुछ पोस्ट में तथ्यों को अनुचित ढंग से पेश किया। 

देश के स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन में बछड़े के सीरम को लेकर के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने स्थिति स्पष्ट की है। एक ट्वीट के जरिये डॉ. हर्ष वर्धन ने स्पष्ट किया कि कोवैक्सीन में नवजात बछड़े का सीरम नहीं है। उन्होंने कहा कि वेरो सेल्स के विकास और उसकी तैयारी में नवजात बछड़े के सीरम का उपयोग किया जाता है, लेकिन अंतिम टीके की सामग्री में ऐसा नहीं होता है। 

डॉ. हर्ष वर्धन ने एक ट्वीट किया है और कोवैक्सीन में बछड़े के सीरम को लेकर फैले भ्रम को दूर करने की कोशिश की है। उन्होंने लिखा, 'भारत के स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन में नवजात बछड़े का सीरम बिलकुल नहीं है। नवजात बछड़े के सीरम का उपयोग केवल वेरो सेल्स के विकास एवं उसकी तैयारी में किया जाता है। अंतिम टीके की सामग्री में बछड़े के सीरम का प्रयोग नहीं होता है।'


इससे पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी एक बयान जारी करके कहा कि सोशल मीडिया की कुछ पोस्ट में तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर और अनुचित ढंग से पेश किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि पोस्ट में बताया गया है कि स्वदेश निर्मित कोवैक्सीन में नवजात बछड़े का सीरम है। जबकि नवजात बछड़े के सीरम का इस्तेमाल केवल वेरो कोशिकाएं तैयार करने और उनके विकास के लिए ही किया जाता है। गोवंश तथा अन्य पशुओं से मिलने वाला सीरम एक मानक संवर्धन संघटक है जिसका इस्तेमाल पूरी दुनिया में वेरो कोशिकाओं के विकास के लिए किया जाता है। 

नवजात बछड़े के सीरम से हो जाता है मुक्त

मंत्रालय ने कहा कि वेरो कोशिकाओं का उपयोग ऐसी कोशिकाएं बनाने में किया जाता है जो टीका उत्पादन में मददगार होती हैं। पोलियो, रैबीज और इन्फ्लुएंजा के टीके बनाने के लिए इस तकनीक का दशकों से इस्तेमाल होता आ रहा है। मंत्रालय ने कहा कि वेरो कोशिकाओं के विकसित होने के बाद उन्हें पानी और रसायनों से अच्छी तरह से कई बार साफ किया जाता है जिससे कि ये नवजात बछड़े के सीरम से मुक्त हो जाते हैं। 

नष्ट वायरस का इस्तेमाल टीका बनाने में

इसके बाद वेरो कोशिकाओं को कोरोना वायरस से संक्रमित किया जाता है ताकि वायरस विकसित हो सके। इस प्रक्रिया में वेरो कोशिकाएं पूरी तरह से नष्ट हो जाती हैं। इसके बाद विकसित वायरस को भी नष्ट (निष्प्रभावी) और साफ किया जाता है। नष्ट या निष्प्रभावी किए गए वायरस का इस्तेमाल टीका बनाने के लिए किया जाता है। 

अंतिम रूप से इस्तेमाल नहीं

बयान के मुताबिक अंतिम रूप से टीका बनाने के लिए बछड़े के सीरम का बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं किया जाता है। बयान के मुताबिक, 'अतः अंतिम रूप से जो टीका (कोवैक्सीन) बनता है उसमें नवजात बछड़े का सीरम कतई नहीं होता और यह अंतिम टीका उत्पाद के संघटकों में शामिल नहीं है।'
 

Web Title: health minister harsh vardhan says covaxin does not contain newborn calf serum

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