Hathras Case: 23 साल पुरानी है पीड़िता के परिवार और आरोपियों के बीच दुश्मनी, गांववालों ने बताई पूरी कहानी
By स्वाति सिंह | Published: October 4, 2020 11:01 AM2020-10-04T11:01:57+5:302020-10-04T11:01:57+5:30
Hathras Case in Hindi: रिपोर्ट की मानें तो ये तीनों आरोपी इसी गुट के और एक ही परिवार के बताएं जा रहे हैं। ये सभी पीड़िता के पड़ोसी हैं। गांव से मिली जानकारी के अनुसार गुटबंदी की असल वजह एक प्लॉट पर मालिकाना हक है।
हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित बलात्कार मामले को लेकर सियासत उफान पर है। इसके साथ ही देश भर के लोगों में घटना को एलकार आक्रोश है। इसी बीच खबर है कि पीड़िता के परिजन और एक आरोपी परिवार की करीब 23 साल पुरानी दुश्मनी है। यह बात हाथरस कांड की पीड़िता के गांव से मिली जानकारी और खुफिया विभाग की रिपोर्ट के आधार पर कही जा रही है।
बताया जा रहा है कि पीड़िता के पिता ने एक आरोपी संदीप के पिता पर तब एससी/एसटी एक्ट और मारपीट की एफआईआर दर्ज कराई थी। दरअसल, यह मामला पूरी तरह दो गुटों के बीच हुए तनाव को लेकर बताई जा रही है। NBT में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इस गांव में ठाकुर समाज के दो गुट हैं। एक गुट के साथ वाल्मीकी समाज के लोग हैं। जबकि दूसरा गुट युवती की मौत के आरोपी संदीप, रामू, लवकुश और रवि पक्ष का है।
दो गुटों के बीच का विवाद
रिपोर्ट की मानें तो ये तीनों आरोपी इसी गुट के और एक ही परिवार के बताएं जा रहे हैं। ये सभी पीड़िता के पड़ोसी हैं। गांव से मिली जानकारी के अनुसार गुटबंदी की असल वजह एक प्लॉट पर मालिकाना हक है। गांव से मिली जानकारी के मुताबिक, एक प्लॉट पर दोनों गुटों के ठाकुरों की नजर थी। इसे लेकर अकसर विवाद रहता था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लगभग 23 साल पहले पीड़िता युवती के पिता ने एक आरोपी के पिता और उसके भाई के खिलाफ मारपीट और एससी/एसटी ऐक्ट के तहत एफआईआर दर्ज थी। तब भी काफी तनाव रहा था, हालांकि बाद में समझौता हो गया था।
गौरतलब है कि 14 सितम्बर को हाथरस में चार युवकों ने 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था। मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई, जिसके बाद बुधवार तड़के उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रात में ही अंतिम संस्कार करने के लिए बाध्य किया। बहरहाल, स्थानीय पुलिस का कहना है कि ‘‘परिवार की इच्छा के मुताबिक’’ अंतिम संस्कार किया गया।