अंबाला एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमान, 7,000 किलोमीटर की दूरी तय की, जानिए कब क्या-क्या हुआ
By भाषा | Published: July 29, 2020 07:07 PM2020-07-29T19:07:55+5:302020-07-29T19:07:55+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल विमानों का भारत में स्वागत किया। अंबाला एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमान को वाटर सैल्यूट दिया गया। आज 5 राफेल विमान अंबाला एयरबेस पहुंचे हैं।
अंबालाः भारत को पिछले करीब दो दशक में बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों की पहली खेप बुधवार को पांच राफेल लड़ाकू विमानों के रूप में मिली। इससे पूर्व, भारत ने दो दशक से भी ज्यादा पहले रूस से सुखोई लड़ाकू विमान खरीदे थे।
राफेल के वायुसेना की स्क्वाड्रन में शामिल होने से देश की वायु शक्ति को चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच सामरिक बढ़त हासिल हो गई है। निर्विवाद ट्रैक रिकॉर्ड वाले राफेल लड़ाकू विमानों को दुनिया के सर्वाधिक शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है।
फ्रांस से रवाना होकर पांच विमानों का यह बेड़ा बुधवार अपराह्न तीन बजकर दस मिनट पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला वायुसेना स्टेशन में उतरा। इन्होंने फ्रांस के बोरदु शहर में स्थित मेरिगनेक एयरबेस से अंबाला तक 7,000 किलोमीटर की दूरी तय की है।
मोदी ने राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप पहुंचने पर इनका स्वागत किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप पहुंचने पर इनका स्वागत किया और कहा कि देश की रक्षा के समान न तो कोई पुण्य, न कोई व्रत और न ही कोई यज्ञ है। मोदी ने संस्कृत में ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्, राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।। नभः स्पृशं दीप्तम्...स्वागतम्!।’’
इसका अर्थ है, ‘‘राष्ट्र रक्षा के समान कोई पुण्य नहीं है, राष्ट्र रक्षा के समान कोई व्रत नहीं है, राष्ट्र रक्षा के समान कोई यज्ञ नहीं है, नहीं हैं, नहीं है।’’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘बर्ड्स सुरक्षित उतर गए हैं।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी को भारतीय वायुसेना की नयी क्षमताओं से चिंतित होना चाहिए तो, उन्हें होना चाहिए जो ‘‘हमारी अखंडता’’ को नकुसान पहुंचाना चाहते हैं। माना जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के साथ संघर्ष के बाद रक्षा की मंत्री की आज की यह टिप्पणी अप्रत्यक्ष रूप से चीन के लिए संदेश है।
Prime Minister Narendra Modi tweets in Sanskrit welcoming Rafale fighter jets in India. https://t.co/NfarjJqGDbpic.twitter.com/DhtYmYGE8t
— ANI (@ANI) July 29, 2020
इस्तेमाल किया गया शब्द ‘बर्ड’ (चिड़िया) वायुसेना के सामान्य शब्दकोश का हिस्सा
रक्षा मंत्री द्वारा अपने ट्वीट में लड़ाकू विमानों के लिए इस्तेमाल किया गया शब्द ‘बर्ड’ (चिड़िया) वायुसेना के सामान्य शब्दकोश का हिस्सा है और वहां लड़ाकू विमानों को ‘बर्ड’ कहा जाता है। राफेल विमानों के भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद दो सुखोई 30एमकेआई विमानों ने उनकी अगवानी की और उनके साथ उड़ते हुए अंबाला तक आए।
राफेल के उतरने पर उन्हें यहां पानी की बौछार से परंपरागत सलामी दी गई। गौरतलब है कि वायुसेना की परंपरा के अनुसार, किसी भी विमान की पहली और अंतिम उड़ान के समय, और वायुसेना के पायलटों तथा एटीसी अधिकारियों के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें पानी की बौछार से सलामी दी जाती है।
सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘राफेल लड़ाकू विमानों का भारत पहुंचना हमारे सैन्य इतिहास के नए अध्याय की शुरुआत है। ये बहुद्देशीय विमान भारतीय वायुसेना की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि करेंगे।’’ राजग सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस की एरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एविएशन के साथ 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था।
#WATCH: Five #Rafale jets in the Indian airspace, flanked by two Su-30MKIs (Source: Raksha Mantri's Office) pic.twitter.com/hCoybNQQOv
— ANI (@ANI) July 29, 2020
वायुसेना के लिए 126 मध्य बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों के खरीद की कोशिश करती रही थी
गौरतलब है कि इससे पहले तत्कालीन संप्रग सरकार करीब सात साल तक भारतीय वायुसेना के लिए 126 मध्य बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों के खरीद की कोशिश करती रही थी, लेकिन वह सौदा सफल नहीं हो पाया था।
दसाल्ट एविएशन के साथ आनन-फानन में राफेल विमानों की खरीद का यह सौदा भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता में अहम सुधार के लिए किया गया था, क्योंकि वायुसेना के पास लड़ाकू स्क्वाड्रन की स्वीकृत संख्या कम से कम 42 के मुकाबले फिलहाल 31 लड़ाकू स्क्वाड्रन हैं।
अंबाला पहुंचे पांच राफेल विमानों में से तीन राफेल एक सीट वाले जबकि दो राफेल दो सीट वाले लड़ाकू विमान हैं। इन्हें भारतीय वायुसेना के अंबाला स्थित स्क्वाड्रन 17 में शामिल किया जाएगा जिसे‘गोल्डन एरोज’ के नाम से भी जाना जाता है। दो सीट वाले विमान प्रशिक्षण विमान हैं तथा एक सीट वाले विमानों का इस्तेमाल युद्धक अभियानों में किया जाता है।
The Birds have landed safely in Ambala. The touch down of Rafale combat aircraft in India marks the beginning of a new era in our Military History. These multirole aircraft will revolutionise the capabilities of the Indian Air Force: Defence Minister Rajnath Singh https://t.co/5K0H6Fgmx5pic.twitter.com/Dp2LXVyYxO
— ANI (@ANI) July 29, 2020
भारत को 10 राफेल विमानों की आपूर्ति हुई है
सरकार ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि भारत को 10 राफेल विमानों की आपूर्ति हुई है, जिनमें से पांच प्रशिक्षण मिशन के लिए फ्रांस में ही रुक रहे हैं। सरकार ने कहा कि खरीदे गए सभी 36 राफेल विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक भारत को हो जाएगी। राफेल विमानों को आसमान में उनकी बेहतरीन क्षमता और लक्ष्य पर सटीक निशाना साधने के लिए जाना जाता है।
करीब 23 साल पहले रूस से सुखोई विमानों की खरीद के बाद भारत ने पहली बार लड़ाकू विमानों की इतनी बड़ी खेप खरीदी है। इन विमानों को अलग-अलग किस्म के और अलग-अलग मारक क्षमता वाले अस्त्रों से लैस किया जा सकता है।
राफेल लड़ाकू विमानों को जिन मुख्य अस्त्रों से लैस किया जाएगा, उनमें यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीए की, दृष्टि सीमा से परे लक्ष्यों पर भी हवा से हवा में वार करने में सक्षम मेटयोर मिसाइल, स्कैल्प क्रूज मिसाइल और मिका हथियार प्रणाली शामिल हैं।
हवा से जमीन पर वार करने में सक्षम अत्याधुनिक हथियार प्रणाली ‘हैमर’ भी खरीद रही है
भारतीय वायुसेना राफेल लड़ाकू विमानों का साथ देने के लिए मध्यम दूरी की मारक क्षमता वाली, हवा से जमीन पर वार करने में सक्षम अत्याधुनिक हथियार प्रणाली ‘हैमर’ भी खरीद रही है। हैमर (हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्स्टेंडेड रेंज) लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली क्रूज मिसाइल है, जिसका निशाना अचूक है और इसे फ्रांस की रक्षा कंपनी सैफरॉन ने विकसित किया है।
इस मिसाइल को मूल रूप से फ्रांस की वायुसेना और नौसेना के लिए डिजाइन किया गया और बनाया गया था। मेटयोर हवा से हवा में मारक क्षमता रखने वाली बीवीआर मिसाइलों का अत्याधुनिक संस्करण है और इसे हवा में होने वाले युद्ध के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। इसे एमबीडीए ने ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, फ्रांस, स्पेन और स्वीडन के समक्ष मौजूद संयुक्त खतरों से निपटने के लिए डिजाइन किया है।
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि मेटयोर में एक अनूठी रॉकेट-रैमजेट मोटर लगी है जो इसके इंजन को अन्य मिसाइलों की तुलना में ज्यादा देर तक ऊर्जा/ईंधन मुहैया करती है। हालांकि, इन पांच राफेल विमानों को आज अंबाला पहुंचने के बाद से ही 17वीं स्क्वाड्रन में शामिल किया जा रहा है, लेकिन इन्हें अगस्त के मध्य में एक औपचारिक समारोह आयोजित कर भारतीय वायुसेना के बेड़े का हिस्सा घोषित किया जाएगा।
#WATCH Water salute given to the five Rafale fighter aircraft after their landing at Indian Air Force airbase in Ambala, Haryana. #RafaleinIndiapic.twitter.com/OyUTBv6qG2
— ANI (@ANI) July 29, 2020
राजनाथ सिंह सहित देश की सेना के शीर्ष अधिकारियों के उपस्थित रहने की संभावना
उस समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित देश की सेना के शीर्ष अधिकारियों के उपस्थित रहने की संभावना है। फ्रांस से सोमवार को उड़ान भरने के बाद इन पांचों विमानों का बेड़ा अंबाला तक के 7,000 किलोमीटर लंबे सफर के बीच, सिर्फ एक बार, संयुक्त अरब अमीरात के अल दाफ्रा एयरबेस पर उतरा।
फ्रांस स्थित भारतीय दूतावास के अनुसार, इन विमानों में 30,000 फुट की ऊंचाई पर उड़ान भरने के दौरान ही फ्रांसीसी टैंकर ने ईंधन भरा। भारत को पहला राफेल जेट अक्टूबर, 2019 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के फ्रांस दौरे पर सौंपा गया था।
राफेल विमानों की पहली स्क्वाड्रन हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन में रहेगी, वहीं दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासीमारा वायुसेना स्टेशन में तैनात होगी। अंबाला एयरबेस को देश में भारतीय वायुसेना के सामरिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण वायुसेना स्टेशनों में से एक माना जाता है क्योंकि यहां से भारत-पाकिस्तान की सीमा करीब 220 किलोमीटर की दूरी पर है।
प्रशासन ने अंबाला एयरबेस के आसपास निषेधाज्ञा लगा दी थी और तस्वीरें लेने तथा वीडियो बनाने पर प्रतिबंध लगाया था। एयरबेस के आसपास तीन किलोमीटर के क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था। वायुसेना ने अंबाला और हासीमारा एयरबेस पर शेल्टर, हैंगर और मरम्मत/देखभाल संबंधी अवसंरचना विकसित करने में करीब 400 करोड़ रुपये निवेश/खर्च किए हैं।
36 राफेल विमान खरीदे हैं, उनमें से 30 लड़ाकू विमान और छह प्रशिक्षण विमान
भारत ने जो 36 राफेल विमान खरीदे हैं, उनमें से 30 लड़ाकू विमान और छह प्रशिक्षण विमान हैं। प्रशिक्षु विमानों में दो सीटें हैं और उनमें लड़ाकू विमानों के लगभग सभी फीचर मौजूद हैं। इस बीच, कांग्रेस ने राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप के भारत आने का स्वागत किया और साथ ही यह भी कहा कि हर देशभक्त को यह पूछना चाहिए कि 526 करोड़ रुपये का विमान 1,670 करोड़ रुपये में क्यों खरीदा गया।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘राफेल का भारत में स्वागत ! वायुसेना के जाबांज लड़ाकों को बधाई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज हर देशभक्त यह ज़रूर पूछे कि 526 करोड़ रुपये का एक राफेल अब 1,670 करोड़ रुपये में क्यों ? 126 राफेल की बजाय 36 राफेल ही क्यों ? मेक इन इंडिया के बजाय मेक इन फ्रांस क्यों ? 5 साल की देरी क्यों ?’’
#WATCH Haryana: Touchdown of Rafale fighter aircraft at Ambala airbase. Five jets have arrived from France to be inducted in Indian Air Force. (Source - Office of Defence Minister) pic.twitter.com/vq3YOBjQXu
— ANI (@ANI) July 29, 2020
राफेल का भारतीय धरती पर उतरना वायुसेना के लिए ऐतिहासिक दिन : अमित शाह
भारतीय धरती पर पांच राफेल लड़ाकू विमानों के उतरने को भारतीय वायुसेना के लिए ऐतिहासिक दिन और देश के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि ये आसमान में किसी भी चुनौती को नाकाम करने में सक्षम दुनिया की सबसे शक्तिशाली मशीनें हैं।
ह ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि मोदी सरकार भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और विश्वस्तरीय लड़ाकू विमान इस दिशा में बड़ा बदलाव लाने वाले साबित होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘राफेल का उतरना हमारी शक्तिशाली वायुसेना के लिए ऐतिहासिक दिन और भारत के लिए गौरवपूर्ण क्षण है। ये आसमान में किसी भी चुनौती को नाकाम करने में सक्षम सबसे शक्तिशाली मशीनें हैं। मुझे विश्वास है कि राफेल अपनी शक्ति के साथ हमारे आसमान की सुरक्षा करने में हमारे वायुवीरों की मदद करेंगे।’’
गृह मंत्री ने कहा कि अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का वायुसेना में शामिल होना भारत को शक्तिशाली और सुरक्षित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प का प्रमाण है। शाह ने वायुसेना को इस तरह की अभूतपूर्व शक्ति प्रदान करने के लिए मोदी का आभार भी प्रकट किया। उन्होंने कहा, ‘‘गति से शस्त्र क्षमताओं तक, राफेल एक कदम आगे है। मुझे विश्वास है कि यह विश्वस्तरीय लड़ाकू विमान परिवर्तन लाने वाला साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय वायुसेना और पूरे देश को इस क्षण के लिए बधाई।’’ फ्रांस निर्मित पांच राफेल विमान बुधवार को अंबाला वायुसेना स्टेशन में उतरे।
From speed to weapon capabilities, Rafale is way ahead!
— Amit Shah (@AmitShah) July 29, 2020
I am sure these world class fighter jets will prove to be a game changer. Congratulations to PM @narendramodi ji, DM @rajnathsingh ji, Indian Air Force and the entire country on this momentous day. #RafaleInIndiapic.twitter.com/1PuSgVtlZm